क्या होती है हाइपरसोनिक मिसाइल?
हाइपरसोनिक मिसाइलें वे मिसाइलें होती हैं जो ध्वनि की गति से पाँच गुना (Mach 5) या उससे अधिक की गति से उड़ान भर सकती हैं। इनकी सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि इन्हें इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल होता है। ये मिसाइलें अपनी गति, दिशा और ऊँचाई को बदल सकती हैं, जिससे मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम इन्हें पकड़ नहीं पाते।
भारत की तकनीकी प्रगति
भारत की डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने हाल ही में हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण भारत की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने की दिशा में एक अहम उपलब्धि है। इस तकनीक के ज़रिए भारत अब उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिनके पास हाइपरसोनिक क्षमताएं हैं — जैसे अमेरिका, रूस और चीन।
हाइपरसोनिक तकनीक में बड़ी छलांग
भारत ने हाल ही में अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह मिसाइल ध्वनि की गति से पांच गुना तेज है और इसे 1500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। भारत की यह तकनीकी छलांग केवल एक सैन्य शक्ति ही नहीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इससे भारत की 'न्यूनतम प्रतिरोधात्मक क्षमता' की नीति और अधिक प्रभावशाली बनती है।
वैश्विक संदर्भ में भारत की स्थिति
जहाँ अमेरिका और रूस जैसे देश वर्षों से इस क्षेत्र में अग्रणी रहे हैं, वहीं भारत ने कम संसाधनों में अत्याधुनिक तकनीक विकसित कर यह साबित कर दिया है कि वह अब केवल रक्षा उत्पादों का उपभोक्ता नहीं, बल्कि एक वैश्विक निर्माता बन चुका है। अब जबकि भारत ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है, अगला कदम इसे पूरी तरह से परिचालन स्तर पर लाना होगा। आने वाले वर्षों में भारत स्वदेशी हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली को सेना में शामिल करने की दिशा में अग्रसर रहेगा।
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