भारत को रूस मिल सकते हैं ये 4 हथियार, चीन सन्न!

नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग एक बार फिर गति पकड़ता नजर आ रहा है। हाल ही में चीन के किंगदाओ शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोउसव की मुलाकात ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक रिश्तों को नई मजबूती दी है।

माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में भारत रूस से चार अत्याधुनिक और घातक रक्षा प्रणालियां हासिल कर सकता है, जिनसे भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। जानकारों का कहना है कि इन हथियारों के आने से पाकिस्तान और चीन की चिंता बढ़ना तय है।

1. R-37M एयर-टू-एयर मिसाइल

रूस की यह लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइल भारतीय वायुसेना को मिल सकती है। इसकी रफ्तार करीब 7,400 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह 300 किलोमीटर से ज्यादा दूर के हवाई लक्ष्यों को सटीकता से मार गिराने में सक्षम है। यह मिसाइल आधुनिक गाइडेंस प्रणाली से लैस है, जिसमें इनर्शियल नेविगेशन और एक्टिव रडार शामिल हैं।

2. S-400 एयर डिफेंस सिस्टम

भारत पहले ही रूस से पांच S-400 यूनिट्स खरीद चुका है, जिनमें से कुछ की डिलीवरी हो चुकी है। अब अतिरिक्त यूनिट्स की बात चल रही है। यह सिस्टम 400 किलोमीटर तक की दूरी पर मौजूद दुश्मन के विमान, ड्रोन और मिसाइलों को खत्म कर सकता है। यह भारत की एयर डिफेंस क्षमता को काफी मजबूत बना चुका है।

3. S-500 एयर डिफेंस सिस्टम

S-500 रूस का अगली पीढ़ी का एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसमें 600 किमी तक की रेंज है। यह अंतरिक्ष में मौजूद दुश्मन के सैटेलाइट को भी मार गिरा सकता है। भारतीय सेना की इसमें खास दिलचस्पी बताई जा रही है। इसे मिलने पर भारत की स्ट्रैटेजिक डिटरेंस क्षमता और भी बढ़ेगी।

4. Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट

Su-57 रूस का 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है जिसकी अधिकतम गति मैक 2+ और रेंज लगभग 3,500–4,500 किमी तक है। यह फाइटर जेट अत्याधुनिक हथियारों से लैस होता है और भारत इसे अपनी वायुसेना में शामिल करने पर विचार कर सकता है।

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