नीम के पत्तों का कमाल, ये 5 बीमारियां रहेंगी कोसों दूर

हेल्थ डेस्क। प्राचीन आयुर्वेद में नीम को "चिकित्सक वृक्ष" कहा गया है। नीम का हर हिस्सा — पत्ता, छाल, फल, बीज और फूल — औषधीय गुणों से भरपूर होता है। लेकिन खास तौर पर नीम के पत्ते अनेक बीमारियों से लड़ने में बेहद असरदार माने जाते हैं। नीम के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और कई स्वास्थ्य समस्याओं से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

1. डायबिटीज नियंत्रण में सहायक

नीम के पत्तों का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इन पत्तों में मौजूद हाइपोग्लाइसेमिक गुण शरीर में इंसुलिन की सक्रियता को बेहतर बनाते हैं। नियमित रूप से सुबह खाली पेट नीम की कुछ कोमल पत्तियों को चबाने से ब्लड शुगर को संतुलित रखने में सहायता मिलती है।

2. स्किन इंफेक्शन और पिंपल्स से राहत

नीम के पत्ते त्वचा की सफाई करते हैं और त्वचा पर बैक्टीरिया व फंगल इन्फेक्शन को पनपने नहीं देते। पत्तों का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से पिंपल्स, एक्ने, और दाग-धब्बों में काफी राहत मिलती है। नीम का सेवन शरीर के अंदर से भी त्वचा को साफ करता है।

3. पेट से जुड़ी समस्याएं करें दूर

नीम के पत्तों का जूस पेट में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है। इससे गैस, कब्ज, एसिडिटी, और अपच जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। नीम के कड़वे स्वाद के बावजूद यह पाचन तंत्र के लिए अत्यंत लाभकारी है।

4. मुंह की दुर्गंध और मसूड़ों की सूजन

नीम में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह की दुर्गंध, कैविटी और मसूड़ों की सूजन में कारगर होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग नीम की दातून का उपयोग करते हैं, जिससे दांत लंबे समय तक मजबूत रहते हैं।

5. इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार

नीम के पत्तों का नियमित सेवन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे वायरल बुखार, मौसमी खांसी-जुकाम और अन्य संक्रमणों से लड़ने की ताकत मिलती है। यह शरीर को भीतर से डिटॉक्स करता है और खून को साफ करता है।

कैसे करें सेवन?

सुबह खाली पेट 4–5 कोमल नीम के पत्ते चबाएं। चाहें तो नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उसका जूस पी सकते हैं। त्वचा संबंधी समस्याओं में नीम पत्तों का पेस्ट उपयोग करें।

0 comments:

Post a Comment