कौन हैं ये चार महाशक्ति?
अमेरिका: अब भी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति और टेक्नोलॉजी का वैश्विक केंद्र। डॉलर की वैश्विक स्थिति, नाटो जैसी गठबंधनों की अगुवाई और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रभुत्व इसके प्रभाव को कायम रखता है। वहीं जीडीपी के मामले में भी अमेरिका का दबदवा कायम हैं।
चीन: कई रिपोर्ट के बतलाती हैं की चीन आर्थिक मोर्चे पर अमेरिका को टक्कर देने वाला इकलौता देश हैं। 'वन बेल्ट वन रोड' जैसी योजनाओं के जरिए चीन अपना वैश्विक दबदबा लगातार बढ़ा रहा है। साथ ही, उसका तेजी से बढ़ता रक्षा बजट ने अमेरिका को चिंता में डाल दिया हैं।
रूस: यूक्रेन युद्ध के बाद रूस आलोचना का शिकार जरूर हुआ है, लेकिन ऊर्जा संसाधनों, परमाणु शक्ति और सैन्य क्षमताओं के कारण रूस अब भी एक अहम वैश्विक खिलाड़ी बना हुआ है। खासकर रूस के पास मौजूद परमाणु हथियार उसे दुनिया के चार महाशक्ति में शामिल करता हैं।
भारत की स्थिति: उभरती महाशक्ति
भारत को आज "उभरती हुई महाशक्ति" (Emerging Superpower) के रूप में देखा जा रहा है। कई मानकों पर भारत तेजी से आगे बढ़ा है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और 2030 तक तीसरे स्थान पर पहुंचने की उम्मीद है।
इसके अलावे भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है, जो इसके भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभा सकती है। भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सैन्य ताकत भी है और लगातार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है।
G20 की सफल अध्यक्षता, BRICS, QUAD, SCO जैसी संस्थाओं में सक्रिय भागीदारी भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत कर रही है। ISRO की सफल अंतरिक्ष परियोजनाएं, डिजिटल इंडिया अभियान और स्टार्टअप संस्कृति भारत को तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी बना रही हैं।
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