उद्देश्य और महत्व
इस पहल का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए नवीनतम ज्ञान और कौशल प्रदान करना है ताकि वे अपने कार्यक्षेत्र में अधिक प्रभावी, संवेदनशील और उत्तरदायी बन सकें। आज के दौर में प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने के लिए डिजिटल प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक हो गया है, क्योंकि इससे न केवल प्रशिक्षण की प्रक्रिया त्वरित होती है, बल्कि दूर-दराज के इलाकों में कार्यरत कर्मचारियों को भी समान अवसर मिल पाते हैं।
कार्यक्रम की रूपरेखा
बिहार लर्निंग वीक के तहत IGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर प्रतिदिन सरकारी अधिकारी और कर्मचारी चार घंटे ऑनलाइन प्रशिक्षण लेंगे। इसके अलावा, हर दिन दोपहर 2 बजे विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञ वेबिनार आयोजित किए जाएंगे, जिनमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे। पहले दिन स्वास्थ्य प्रणाली की बेहतर समझ को लेकर ग्लोबल डायरेक्टर मौलिक चोकसी का व्याख्यान हुआ। इसके बाद सेवा भाव, कृषि नीति, आधारभूत संरचना, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी वेबिनार होंगे।
प्रशिक्षण की आवश्यकता और फायदे
आधुनिक समय में सरकारी कर्मचारियों के लिए निरंतर कौशल विकास अनिवार्य हो गया है। डिजिटल प्रशिक्षण के माध्यम से वे अपने कार्य क्षेत्र से संबंधित नवीनतम ज्ञान हासिल कर सकते हैं, जिससे उनकी कार्यकुशलता और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। IGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म इस प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाता है क्योंकि यह अधिकारी की कार्यप्रोफ़ाइल के अनुसार आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराता है।
प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक कदम
"बिहार लर्निंग वीक" राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें निरंतर सीखने और नवाचार को प्रशासनिक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बनाया जा रहा है। इससे न केवल प्रशासनिक कार्य प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, बल्कि बिहार का प्रशासन भी अधिक आधुनिक, दक्ष और सेवा-प्रधान बन सकेगा।
0 comments:
Post a Comment