1. ॐ शिवाय नमः
यह सबसे प्रचलित और सरल मंत्र है जिसे "पंचाक्षरी मंत्र" भी कहा जाता है। इसका अर्थ है—"मैं शिव को नमन करता हूँ।" इस मंत्र का जाप मानसिक शांति, आत्मिक बल और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा के लिए किया जाता है। सुबह स्नान के बाद रुद्राक्ष माला से 108 बार इस मंत्र का जाप अत्यंत शुभ माना गया है।
2. ॐ शम्भवे नमः
"शम्भव" भगवान शिव का एक और नाम है, जिसका अर्थ होता है—"कल्याणकारी"। यह मंत्र शिव की दयालु और कृपालु स्वरूप की आराधना के लिए उपयोग किया जाता है। इसका जाप विशेष रूप से तब लाभकारी होता है जब जीवन में अस्थिरता या मानसिक तनाव हो।
3. ॐ महेश्वराय नमः
"महेश्वर" का अर्थ है—"महान ईश्वर" या समस्त ब्रह्मांड के स्वामी। यह मंत्र शिव की सर्वोच्च सत्ता को समर्पित है और इसे शक्ति और आत्मविश्वास प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। छात्रों, नौकरीपेशा और व्यापारी वर्ग के लिए यह मंत्र अत्यंत लाभदायक माना गया है।
4. ॐ पार्वतीपतये नमः
यह मंत्र भगवान शिव और उनकी अर्धांगिनी, देवी पार्वती को समर्पित है। इस मंत्र का जाप वैवाहिक जीवन की समृद्धि, प्रेम और सौहार्द बनाए रखने के लिए किया जाता है। दांपत्य जीवन में मधुरता लाने और आपसी समझ को मजबूत करने के लिए यह मंत्र बेहद प्रभावशाली माना गया है।
5. ॐ पशुपतये नमः
"पशुपति" का अर्थ होता है—सभी प्राणियों के स्वामी। यह मंत्र भगवान शिव के उस स्वरूप को समर्पित है जो समस्त जीवों पर दया रखते हैं। इसका जाप करने से भय, बाधा और रोग दूर होते हैं। विशेषकर शनि, राहु और केतु जैसे ग्रहों के दोष से मुक्ति पाने के लिए यह मंत्र उपयुक्त माना जाता है।
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