बेसिक सैलरी और पेंशन में ऐतिहासिक इजाफा
8वें वेतन आयोग का सबसे बड़ा आकर्षण है फिटमेंट फैक्टर में संभावित बढ़ोतरी। सातवें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, लेकिन अब इसे 2.86 तक बढ़ाया जा सकता है। इस बढ़े हुए फैक्टर का असर इतना व्यापक होगा कि: न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 तक पहुंच सकती है। वहीं पेंशन भी ₹9,000 से बढ़कर ₹25,740 के करीब हो सकती है। यह बढ़ोतरी केवल संख्यात्मक नहीं है, बल्कि कर्मचारियों और पेंशनर्स के दैनिक जीवन, खर्चों और भविष्य की सुरक्षा को लेकर भी काफी असर डालने वाली है।
विभिन्न लेवल पर सैलरी में संभावित बढ़ोतरी
लेवल 3 (GP 2000): बेसिक सैलरी ₹57,456 | कुल सैलरी ₹74,845 | इनहैंड सैलरी ₹68,849
लेवल 6 (GP 4200): बेसिक सैलरी ₹93,708 | कुल सैलरी ₹1,19,798 | इनहैंड सैलरी ₹1,09,977
लेवल 9 (GP 5400): बेसिक सैलरी ₹1,40,220 | कुल सैलरी ₹1,81,073 | इनहैंड सैलरी ₹1,66,401
लेवल 11 (GP 6600): बेसिक सैलरी ₹1,84,452 | कुल सैलरी ₹2,35,920 | इनहैंड सैलरी ₹2,16,825
नोट: यह अनुमान HRA, TA, DA और अन्य भत्तों के संभावित इजाफे को ध्यान में रखकर लगाया गया है।
भत्तों में भी होगा बड़ा बदलाव
बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी के साथ ही HRA (House Rent Allowance), TA (Travel Allowance), DA (Dearness Allowance) जैसे भत्तों में भी इजाफा होगा। भत्तों की गणना कर्मचारी की पोस्टिंग लोकेशन और कार्य प्रकृति के अनुसार की जाती है, इसलिए समान ग्रेड के कर्मचारियों की नेट सैलरी अलग-अलग हो सकती है।
NPS और CGHS में बढ़ेगा योगदान
बेसिक सैलरी बढ़ने से कर्मचारियों के NPS (National Pension System) योगदान में भी इजाफा होगा: कर्मचारी: बेसिक + DA का 10%, सरकार: 14% योगदान देती है। इसी तरह CGHS (Central Government Health Scheme) की मासिक कटौती भी बढ़ेगी, क्योंकि इसकी गणना भी सैलरी के स्लैब पर आधारित होती है।
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