कितने लोगों को होगा फायदा?
एम्बिट कैपिटल की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से लगभग 44 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 68 लाख पेंशनभोगी सीधे लाभान्वित होंगे। इसका असर सिर्फ वेतन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि रिटेल, FMCG, ऑटोमोबाइल और बैंकिंग सेक्टर जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ने की संभावना है।
क्या होता है 'फिटमेंट फैक्टर'?
वेतन बढ़ोतरी के निर्धारण में 'फिटमेंट फैक्टर' की भूमिका बेहद अहम होती है। यह एक ऐसा गुणांक है जिससे मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा कर के नई बेसिक सैलरी तय की जाती है। पिछले 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दी गई थी। लेकिन इस बार अटकलें हैं कि फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है। इस आधार पर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बड़े स्तर पर बढ़ोतरी की संभावना बनती है।
वेतन आयोग कब तक लागू होगा?
हालांकि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को जनवरी 2026 से लागू करने का अनुमान है, लेकिन अभी तक आयोग के गठन की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। न ही इसके Terms of Reference, अध्यक्ष और सदस्यों की घोषणा की गई है। यदि प्रक्रिया जल्द शुरू नहीं होती, तो पिछली प्रक्रिया को देखते हुए इसे लागू होने में 2027 तक का समय लग सकता है। 7वें वेतन आयोग को लागू करने में भी 18 से 24 महीने लगे थे।
पेंशनरों को कितना फायदा होगा?
पेंशनभोगियों को भी इस आयोग से फायदा होगा, खासकर उनकी बेसिक पेंशन और महंगाई भत्ता (DA) में बढ़ोतरी के रूप में। हालांकि उन्हें HRA और अन्य भत्तों का लाभ नहीं मिलता, इसलिए वेतनभोगी कर्मचारियों की तुलना में बढ़ोतरी का प्रतिशत थोड़ा कम हो सकता है।
सरकार पर आर्थिक भार कितना पड़ेगा?
एम्बिट कैपिटल का अनुमान है कि वेतन और पेंशन में इस संभावित 30-34% बढ़ोतरी से सरकार पर 1.3 से 1.8 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय दबाव पड़ेगा। यह भारत की GDP पर 30-50 बेसिस पॉइंट्स तक का असर डाल सकता है। हालांकि, इससे उपभोग बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियों को मजबूती मिलेगी।
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