यूपी में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक नियमों को लेकर अब तक जो ढिलाई देखने को मिलती थी, उस पर परिवहन विभाग ने कड़ा रुख अपना लिया है। आए दिन बढ़ते सड़क हादसों और ट्रैफिक अनुशासनहीनता को देखते हुए अब नियमों का उल्लंघन करना भारी पड़ सकता है। खासकर उन लोगों के लिए जो बार-बार नियम तोड़ते हैं, उनके खिलाफ अब केवल जुर्माना नहीं बल्कि कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

बार-बार नियम तोड़ने पर कड़ी सज़ा

नए आदेशों के मुताबिक, यदि कोई वाहन चालक पांच या उससे अधिक बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और वाहन के पंजीकरण (आरसी) को निलंबित कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, दुर्घटना की स्थिति में बीमा क्लेम पाने का हक भी छिन जाएगा। यह नियम न सिर्फ खुद चालक की सुरक्षा के लिए है, बल्कि दूसरों के जीवन की रक्षा के लिए भी बेहद अहम है।

बीमा कंपनियां भी जुड़ी 'सारथी' पोर्टल से

इस पहल के अंतर्गत ‘सारथी’ पोर्टल पर चालकों का पूरा ट्रैफिक उल्लंघन रिकॉर्ड अपडेट किया जा रहा है। बीमा कंपनियां अब इसी पोर्टल के माध्यम से चालकों के ट्रैफिक रिकॉर्ड की जांच कर रही हैं। यदि कोई व्यक्ति निलंबन की अवधि में वाहन चलाते हुए दुर्घटना करता है, तो बीमा कंपनी उसे किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं देगी। इसके अतिरिक्त, यदि किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान होता है तो क्षतिपूर्ति की पूरी जिम्मेदारी वाहन स्वामी की होगी।

लखनऊ में पहली बार हुआ बड़ा एक्शन

लखनऊ में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण निलंबित किए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार, 211 लोगों के डीएल और 260 वाहनों के आरसी निलंबित किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले जनरल पनिशमेंट और बिना हेलमेट गाड़ी चलाने के हैं। परिवहन विभाग ने यह कार्रवाई ट्रैफिक पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर की है।

क्या बोले परिवहन विभाग के अधिकारी?

लखनऊ के एआरटीओ प्रशासन प्रदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि निलंबन की अवधि में यदि कोई वाहन चालक सड़क पर पकड़ा गया या दुर्घटना का कारण बना, तो बीमा से कोई सहायता नहीं मिलेगी। इसके साथ ही यदि किसी तीसरे पक्ष को क्षति हुई, तो उसकी पूरी भरपाई वाहन मालिक को करनी पड़ेगी।

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