क्या है नया बदलाव?
सरकार ने मार्च 2025 से मई 2025 की अवधि के आधार पर महंगाई भत्ता बढ़ाकर 758.3% कर दिया है। यह वृद्धि उस समय हुई है, जब देश में महंगाई दर में लगातार इज़ाफा देखा जा रहा है। इस फैसले से CPSEs में काम कर रहे हज़ारों कर्मचारियों और अधिकारियों को राहत मिलेगी।
किन्हें मिलेगा फायदा?
यह लाभ बोर्ड स्तर, बोर्ड स्तर से नीचे के अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को मिलेगा, जो 1987 और 1992 के औद्योगिक महंगाई भत्ता (IDA) वेतनमान पर कार्यरत हैं।
नई दरें इस प्रकार होंगी:
बेसिक पे 3,500 रुपये तक – महंगाई भत्ता 758.3% या न्यूनतम 16,668 रुपये।
बेसिक पे 3,501 से 6,500 रुपये तक – महंगाई भत्ता 568.7% या न्यूनतम 26,541 रुपये।
बेसिक पे 6,501 से 9,500 रुपये तक – महंगाई भत्ता 455.0% या न्यूनतम 36,966 रुपये।
बेसिक पे 9,501 रुपये से अधिक – महंगाई भत्ता 379.1% या न्यूनतम 43,225 रुपये।
महंगाई भत्ते की गणना कैसे हुई?
डिप्टी सेक्रेटरी डॉ. पी.के. सिन्हा ने बताया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI – 1960=100) की औसत दर 9433 रही। इसके आधार पर 1987 वेतनमान के तहत कार्यरत अधिकारियों को 17,456 रुपये प्रतिमाह तक का DA मिल सकता है। पुराने न्यूट्रलाइजेशन सिस्टम के हिसाब से 2 रुपये प्रति अंक के हिसाब से कुल 38 रुपये भत्ता बनता है, पर AICPI की गणना से यह राशि कई गुना बढ़ गई है।
क्या होगा आगे?
सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी मंत्रालय और विभाग अपने अधीनस्थ CPSEs को इस आदेश की जानकारी दें और इसे तत्काल लागू करें। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर किसी कर्मचारी का DA 50 पैसे या उससे अधिक है तो उसे राउंड ऑफ कर पूरा रुपये में जोड़ा जाएगा।
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