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IIT BHU में लैब टेक्नीशियन पद पर भर्ती, 21 तक करें आवेदन

वाराणसी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने लैब टेक्नीशियन के पद पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक और पात्र उम्मीदवार 01 अगस्त 2025 से 21 अगस्त 2025 तक ऑफलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। यह भर्ती प्रक्रिया एक पद के लिए आयोजित की जा रही है और इसके तहत चयनित उम्मीदवार को प्रति माह ₹20,000 का पारिश्रमिक मिलेगा।

आवश्यक योग्यता:

इस पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को कम से कम 10वीं या 12वीं कक्षा पास होना आवश्यक है। इसके अलावा, लैब से संबंधित किसी डिप्लोमा या कार्यानुभव को वरीयता दी जा सकती है (हालाँकि यह भर्ती नोटिस में स्पष्ट नहीं किया गया है)।

आवेदन प्रक्रिया:

उम्मीदवारों को आवेदन ऑफलाइन करना होगा। आवेदन पत्र IIT BHU की आधिकारिक वेबसाइट iitbhu.ac.in से डाउनलोड किया जा सकता है। आवेदन पत्र को पूर्ण रूप से भरने के बाद, निर्धारित पते पर समय से पहले भेजना आवश्यक होगा। आवेदन की अंतिम तिथि 21 अगस्त 2025 है। इसके बाद प्राप्त हुए आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

आवेदन शुरू होने की तिथि: 01 अगस्त 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 21 अगस्त 2025

वेतन और शर्तें:

चयनित उम्मीदवार को ₹20,000 प्रतिमाह का मानदेय प्रदान किया जाएगा। यह एक संविदात्मक (contractual) पद हो सकता है, जिसकी अवधि, कार्य की प्रकृति और अन्य नियम शर्तें IIT BHU द्वारा निर्धारित की जाएंगी।

नौकरी की जगह:

IIT BHU, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)

भारतीय नौसेना भर्ती 2025: SSC Executive पदों के लिए आवेदन

न्यूज डेस्क। भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने योग्य और तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं के लिए SSC Executive (Information Technology) पदों पर भर्ती का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। इस भर्ती के तहत कुल 15 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इच्छुक अभ्यर्थी 17 अगस्त 2025 तक आधिकारिक वेबसाइट www.joinindiannavy.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

पद का विवरण:

पद नाम: SSC Executive (IT)

कुल पद: 15

नौकरी स्थान: केरल

रोजगार का प्रकार: पूर्णकालिक (Full-time)

वेतनमान: ₹56,100 प्रतिमाह (प्रारंभिक स्तर पर)

आयु सीमा: अभ्यर्थी का जन्म 2 जनवरी 2001 से 1 जुलाई 2006 के बीच हुआ हो।

शैक्षणिक योग्यता:

आवेदकों के पास निम्न में से कोई एक योग्यता होनी चाहिए और अंग्रेज़ी विषय में 10वीं या 12वीं में न्यूनतम 60% अंक अनिवार्य हैं: M.Sc / BE / B.Tech / M.Tech (कंप्यूटर साइंस / IT / साइबर सिक्योरिटी / डेटा एनालिटिक्स / AI आदि) MCA (BCA या B.Sc कंप्यूटर साइंस / IT के साथ)

चयन प्रक्रिया:

उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा। चयन से जुड़ी विस्तृत जानकारी के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक अधिसूचना अवश्य पढ़नी चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया:

उम्मीदवारों को www.joinindiannavy.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। आवेदन फॉर्म भरते समय, मैट्रिक प्रमाणपत्र के अनुसार विवरण भरना आवश्यक है। मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और आधार कार्ड अनिवार्य हैं। दस्तावेज़ अपलोड करने से पहले उनकी स्कैन्ड कॉपी तैयार रखें।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

आवेदन की अंतिम तिथि: 17 अगस्त 2025

School Holiday August 2025: यूपी में कितने दिन बंद रहेंगे स्कूल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्कूली छात्रों और शिक्षकों के लिए अगस्त का महीना कई त्योहारों और राष्ट्रीय अवसरों के चलते राहत लेकर आया है। इस महीने स्कूलों में कुल 8 दिन अवकाश तय माने जा रहे हैं, जिनमें प्रमुख त्योहार और साप्ताहिक छुट्टियां शामिल हैं।

तय छुट्टियों की सूची:

रविवार, 3 अगस्त – साप्ताहिक अवकाश

शुक्रवार, 9 अगस्त – रक्षाबंधन

रविवार, 10 अगस्त – साप्ताहिक अवकाश

गुरुवार, 15 अगस्त – स्वतंत्रता दिवस

शुक्रवार, 16 अगस्त – जन्माष्टमी

रविवार, 17 अगस्त – साप्ताहिक अवकाश

रविवार, 24 अगस्त – साप्ताहिक अवकाश

रविवार, 31 अगस्त – साप्ताहिक अवकाश

आपको बता दें की उत्तर प्रदेश के स्कूलों में इन छुट्टियों के अलावा कुछ जिलों या विद्यालयों में स्थानीय स्तर पर गणेश चतुर्थी और ओणम जैसे त्योहारों पर भी छुट्टी दी जा सकती है, हालांकि ये अवकाश विद्यालय प्रबंधन और जिला प्रशासन के निर्णय पर निर्भर करेंगे।

छात्रों और अभिभावकों को राहत

लगातार त्योहारों और रविवार की छुट्टियों के कारण अगस्त में छात्रों को पढ़ाई के साथ आराम का भी पर्याप्त समय मिलेगा। शिक्षकों के लिए भी यह समय पाठ्यक्रम की योजना बनाने और आगामी शैक्षणिक गतिविधियों की तैयारी के लिहाज से अनुकूल रहेगा।

यूपी में इन "शिक्षकों" के लिए बड़ी खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के शिक्षकों के हित में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील निर्णय लिया है। अब ट्रांसफर प्रक्रिया में दिव्यांग, कैंसर पीड़ित, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे शिक्षक या उनके आश्रितों को वरीयता दी जाएगी। यह फैसला न केवल शिक्षकों की व्यक्तिगत परिस्थितियों को ध्यान में रखता है, बल्कि सरकारी सिस्टम में मानवीयता की एक नई मिसाल भी पेश करता है।

संवेदनशीलता के साथ नीति में बदलाव

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के तबादले को लेकर नया आदेश जारी किया गया है। इसके अनुसार: दिव्यांग शिक्षक, कैंसर या अन्य असाध्य बीमारियों से पीड़ित शिक्षक, दो साल से कम सेवा अवधि वाले शिक्षक। इन सभी को ट्रांसफर में प्राथमिकता दी जाएगी। यदि शिक्षक द्वारा चुने गए स्कूल में पद खाली नहीं हो, तो पास के किसी विद्यालय में उनकी नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर की जाएगी।

पारदर्शिता पर भी ज़ोर

सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों का पहले ट्रांसफर किया गया और बाद में फिर से स्थानांतरण हुआ, उनके मामलों की जांच की जाएगी। साथ ही, यह भी स्पष्ट करना होगा कि किन अधिकारियों की सिफारिश या गलती से यह दोहरा ट्रांसफर हुआ। ऐसे मामलों में संबंधित अधिकारियों के नाम रिपोर्ट में दर्ज किए जाएंगे।

मानवता बनाम प्रशासनिक प्रक्रिया

मई 2025 में जब एलटी ग्रेड और प्रवक्ता ग्रेड के शिक्षकों को प्रिंसिपल के पद पर प्रमोट किया गया था, तब बड़ी संख्या में शिक्षकों ने नई पोस्टिंग जॉइन नहीं की थी। इन शिक्षकों ने परिवारिक जिम्मेदारियों और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पास के विद्यालयों में ट्रांसफर की मांग की थी। इसी के मद्देनज़र सरकार ने मौजूदा संशोधन किया है।

IIT पटना में अकाउंट्स और ऑडिट ऑफिसर भर्ती

पटना। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना (IIT Patna) ने अकाउंट्स और ऑडिट ऑफिसर के पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। इस भर्ती अभियान के अंतर्गत कुल 02 पदों को भरा जाएगा। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 3 अगस्त 2025 को आयोजित होने वाले वॉक-इन इंटरव्यू में भाग ले सकते हैं।

पद का विवरण

पद का नाम: अकाउंट्स और ऑडिट ऑफिसर

कुल पद: 02

वेतन: रु. 60,000/- प्रति माह (समेकित)

शैक्षणिक योग्यता

बता दें की इस पद के लिए आवेदन करने हेतु किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री होना अनिवार्य है।

चयन प्रक्रिया

चयन वॉक-इन इंटरव्यू के माध्यम से किया जाएगा, जो कि 3 अगस्त 2025 को आयोजित होगा। उम्मीदवारों को अपने सभी मूल दस्तावेज़ों, शैक्षणिक प्रमाण पत्रों, पहचान पत्र और अनुभव प्रमाणपत्रों के साथ निर्धारित तिथि को संस्थान में उपस्थित होना होगा।

आवेदन का तरीका

उम्मीदवारों को किसी प्रकार का ऑनलाइन आवेदन या शुल्क भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। केवल वॉक-इन इंटरव्यू में भाग लेकर ही चयन की प्रक्रिया में सम्मिलित हुआ जा सकता है।

साक्षात्कार स्थान और समय

स्थान: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना, बिहटा, पटना – 801106

तारीख: 3 अगस्त 2025

समय: प्रातः 10:00 बजे से

अधिक जानकारी के लिए: उम्मीदवार IIT पटना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भर्ती से संबंधित विस्तृत अधिसूचना देख सकते हैं।

तेज बारिश की दस्तक! बिहार के 19 जिलों में अलर्ट

पटना। बिहार में मानसून ने एक बार फिर पूरी ताक़त के साथ दस्तक दी है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे राज्य के लिए संवेदनशील बताते हुए 19 जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है। वहीं, पटना में लगातार हो रही बारिश से सड़कें पानी में डूबने लगी हैं और जलजमाव की स्थिति बन रही है।

कहां-कहां भारी बारिश का असर?

मौसम विभाग ने जिन 19 जिलों में अलर्ट जारी किया है, उनमें पटना, गया, जमुई, औरंगाबाद, खगड़िया, नवादा, वैशाली, बेगूसराय, बांका, समस्तीपुर, सारण, भोजपुर, बक्सर, नालंदा, शेखपुरा, अरवल और भागलपुर जैसे जिले शामिल हैं। इन जिलों में 65 से 115.5 मिमी तक बारिश दर्ज होने की संभावना है। जबकि उत्तर बिहार के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।

तेज़ हवाएं और वज्रपात की चेतावनी

मौसम विभाग ने 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और वज्रपात की संभावना भी जताई है। खासकर खुले इलाकों, पेड़ के नीचे या जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से परहेज़ करने की सलाह दी गई है। बिजली गिरने की आशंका को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में सतर्कता बरतने को कहा गया है।

प्रशासन सतर्क, लोगों से अपील

स्थानीय प्रशासन ने बारिश और वज्रपात के मद्देनज़र लोगों से घरों में ही रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। जलजमाव और बिजली की संभावित समस्याओं से निपटने के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन ने अलर्ट मोड में काम शुरू कर दिया है।

किसानों के लिए राहत, लेकिन सतर्कता जरूरी

जहां एक ओर भारी बारिश ने शहरी इलाकों में परेशानी बढ़ाई है, वहीं किसानों के लिए यह बारिश राहत लेकर आई है। लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे किसानों को खेतों में काम करने का मौका मिलेगा। हालांकि खराब मौसम के दौरान सावधानी बरतना जरूरी हैं।

कच्चा नारियल खाएं, ये 4 बीमारियां आपके करीब नहीं आएंगी

हेल्थ डेस्क। कच्चा नारियल एक ऐसा प्राकृतिक उपहार है जो स्वाद, पोषण और औषधीय गुणों से भरपूर है। आयुर्वेद से लेकर आधुनिक पोषण विज्ञान तक, हर जगह इसके स्वास्थ्य लाभों को सराहा गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर रोज़ाना थोड़ी मात्रा में कच्चा नारियल खाया जाए, तो यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करने के साथ-साथ कुछ गंभीर बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है।

1 .हाई ब्लड प्रेशर

कच्चा नारियल पोटैशियम का अच्छा स्रोत है, जो रक्त में सोडियम का संतुलन बनाए रखता है। इससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है और हृदय पर दबाव नहीं पड़ता। नियमित सेवन से दिल की सेहत बेहतर बनी रहती है।

2 .पाचन संबंधी समस्याएं

कच्चे नारियल में मौजूद प्राकृतिक फाइबर पेट को साफ रखने में मदद करते हैं। यह कब्ज, गैस, और अपच जैसी समस्याओं को दूर करता है। साथ ही यह पेट की परत को आराम देता है और एसिडिटी से भी राहत दिलाता है।

3 .इम्यून सिस्टम की कमजोरी

कच्चा नारियल लॉरिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो बैक्टीरिया, वायरस और फंगस से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। यह शरीर को संक्रमणों से बचाने और इम्यूनिटी मजबूत करने में मदद करता है।

4 .गठिया और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं

कच्चा नारियल हड्डियों को मज़बूती देने में सहायक है, क्योंकि इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं। यह जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत देता है, खासतौर पर बुजुर्गों के लिए ये फायदेमंद साबित हो सकता है।

बिहार में 'जमीन मालिकों' के लिए बड़ी खुशखबरी

बक्सर। बिहार सरकार ने भूमि सुधार और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक एक विशेष राजस्व महाअभियान चलाने की घोषणा की है। इस अभियान के तहत राज्य के कोने-कोने तक पहुंचकर जमीन से संबंधित दस्तावेजों की त्रुटियों को सुधारा जाएगा। यह पहल खासतौर पर उन भूमि मालिकों के लिए फायदेमंद साबित होगी, जिन्हें वर्षों से अपने जमीन संबंधी कागजात में गलतियों और विवादों का सामना करना पड़ रहा है।

क्यों जरूरी है यह अभियान?

राज्य में वर्षों से भूमि रिकॉर्ड में कई तरह की गड़बड़ियां चली आ रही हैं—कभी नाम गलत दर्ज, कभी खेसरा नंबरों में भ्रम, तो कभी उत्तराधिकार से जुड़े झगड़े। इन त्रुटियों की वजह से ना केवल आम नागरिक परेशान होते हैं, बल्कि कई बार कानूनी विवाद भी जन्म लेते हैं। बिहार लैंड सर्वे 2025 के अंतर्गत चलने वाला यह अभियान ऐसे ही मुद्दों को जड़ से सुलझाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

अभियान की मुख्य विशेषताएं:

1 .डोर-टू-डोर सेवा: इस बार अधिकारी खुद गांव-गांव जाकर लोगों की जमीन से जुड़ी समस्याओं को सुनेंगे और मौके पर ही समाधान की प्रक्रिया शुरू करेंगे। इससे लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

2 .दस्तावेजों में सुधार: नाम, खाता, खतियान, खेसरा-रकबा जैसी जानकारियों को पुनः जांचा जाएगा। यदि कोई गलती पाई जाती है, तो उसे तुरंत ऑनलाइन सिस्टम के ज़रिए ठीक किया जाएगा।

3 .स्थानीय भागीदारी: इस अभियान में पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी ताकि जमीन से जुड़ी हकीकत सही रूप में सामने आ सके।

4 .डिजिटलीकरण और पारदर्शिता: हर खेत और खेसरा को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा। इससे भविष्य में किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े या दावे को रोकना आसान हो जाएगा।

5 .बंटवारे से जुड़ी समस्याओं का समाधान: जिन जमीनों का पारिवारिक बंटवारा विवादित है, उन्हें सुलझाने के लिए स्थानीय अधिकारियों द्वारा समाधान निकाला जाएगा, जिससे न्यायसंगत ढंग से जमाबंदी नंबर जारी किए जा सकें।

CCRAS भर्ती 2025: 394 पदों के लिए आवेदन

नई दिल्ली। केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) ने 2025 के लिए विभिन्न पदों पर भर्ती की घोषणा की है। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत कुल 394 रिक्त पदों को भरा जाएगा, जिसमें लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC), स्टेनोग्राफर, तकनीकी सहायक, रिसर्च ऑफिसर सहित कई अन्य पद शामिल हैं।

बता दें की ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 तक निर्धारित किया गया हैं। इच्छुक और योग्य अभ्यर्थी 1 अगस्त 2025 से CCRAS की आधिकारिक वेबसाइट ccras.nic.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

योग्यता और आयु सीमा

इस भर्ती में आवेदन करने के लिए अभ्यर्थियों के पास 10वीं, 12वीं, ITI, स्नातक (BA, B.Sc, B.Pharm), परास्नातक (MA, M.Sc, M.Pharm), MD/MS जैसी योग्यताएं होनी चाहिए। अलग-अलग पदों के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता और अनुभव की जानकारी के लिए अभ्यर्थियों को CCRAS की आधिकारिक अधिसूचना का अवलोकन करना चाहिए।

आयु सीमा: उम्मीदवार की अधिकतम आयु पद के अनुसार 27 से 40 वर्ष तक हो सकती है। आयु की गणना और आरक्षित वर्गों को मिलने वाली छूट की जानकारी भी अधिसूचना में दी गई है।

चयन प्रक्रिया

चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, स्किल टेस्ट और इंटरव्यू शामिल हो सकते हैं। चयन पूरी तरह से योग्यता, अनुभव और परीक्षा प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ: 01 अगस्त 2025

ऑनलाइन अंतिम तिथि: 31 अगस्त 2025

कैसे करें आवेदन:

CCRAS की वेबसाइट ccras.nic.in पर जाएं। "Recruitment 2025" सेक्शन में जाएं, संबंधित पद के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरें, आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें, आवेदन शुल्क का भुगतान कर फॉर्म सबमिट करें

बिहार सरकार की ये 10 बड़ी घोषणाएं, तुरंत पढ़िए

पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। 2025 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार दस बड़ी घोषणाएं करके यह साफ संकेत दे दिया है कि उनकी सरकार चुनाव से पहले जनहित के मोर्चे पर मजबूत दावेदारी पेश करना चाहती है। इन फैसलों का असर न सिर्फ आम जनता की जिंदगी पर पड़ेगा, बल्कि प्रदेश के सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित करेगा।

1. रसोइयों, शिक्षकों और गार्ड का बढ़ा मानदेय

सरकार ने मिड डे मील योजना में काम करने वाली रसोइयों का मानदेय दोगुना कर ₹3300 कर दिया है। वहीं, फिजिकल टीचर्स को ₹16000 और नाइट गार्ड्स को ₹10000 मिलेंगे। यह कदम शिक्षा व्यवस्था में काम करने वाले निचले स्तर के कर्मचारियों को सम्मान और स्थायित्व देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

2. बिहार में 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली

अब राज्य के हर घरेलू उपभोक्ता को 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। यह फैसला ग्रामीण और शहरी गरीबों, खासकर मध्यम वर्ग के लिए राहत भरा है, जिनकी आमदनी महंगाई से लगातार प्रभावित हो रही है।

3. महिलाओं को डोमिसाइल आधारित आरक्षण

सरकार ने अब स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण का लाभ केवल बिहार की मूल निवासी महिलाओं को ही मिलेगा। यह निर्णय स्थानीय महिलाओं को प्राथमिकता देने और बाहर से आने वाली प्रतियोगिता को सीमित करने की सोच को दर्शाता है।

4. दिव्यांग अभ्यर्थियों को सिविल सेवा में प्रोत्साहन

दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए UPSC और BPSC की तैयारी को लेकर सरकार ने आर्थिक सहायता की घोषणा की है। प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर ₹50,000 और इंटरव्यू के लिए ₹1 लाख की मदद दी जाएगी। यह निर्णय समावेशी विकास की दिशा में सराहनीय कदम है।

5. युवाओं को इंटर्नशिप और स्किल ट्रेनिंग

राज्य के 1 लाख युवाओं को हर महीने ₹4000 से ₹6000 की राशि के साथ इंटर्नशिप और प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया है। इससे उन्हें रोजगार योग्य बनने में मदद मिलेगी और निजी क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ेगी।

6. पत्रकारों की पेंशन में बढ़ोतरी

पत्रकारों की पेंशन राशि तीन गुना बढ़ाकर ₹15000 कर दी गई है। साथ ही मृत पत्रकारों के परिवारजनों को ₹10000 प्रतिमाह दिए जाएंगे। यह कदम पत्रकारों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

7. आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन

सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को ₹11000 की राशि देकर उन्हें स्मार्टफोन उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इससे बच्चों और माताओं के पोषण व स्वास्थ्य से जुड़ी रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग बेहतर हो सकेगी।

8. 1 करोड़ रोजगार का वादा

2025 से 2030 के बीच सरकार ने 1 करोड़ नौकरियों और रोजगार अवसरों का सृजन करने का संकल्प लिया है। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है, जो विभिन्न क्षेत्रों—सरकारी, निजी, और स्टार्टअप में संभावनाएं तलाशेगी।

9. विवाह भवन योजना

राज्य के 8000 से अधिक पंचायतों में विवाह भवन बनाए जाएंगे। इसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में बेटियों की शादियों को गरिमा और सादगी के साथ सम्पन्न कराना है। इन भवनों का संचालन स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी, जिससे महिला सशक्तिकरण को भी बल मिलेगा।

10. वृद्धा पेंशन योजना में वृद्धि

बिहार में अभी तक बुजुर्गों को महज 400 रुपये ही मिलते थे, लेकिन सरकार ने अब इसे बढ़ाकर 1100 रुपये प्रतिमाह कर दिया हैं।

अजवाइन के बीज: 6 गंभीर बीमारियों का नेचुरल इलाज

हेल्थ डेस्क। हमारी रसोई में कई ऐसे मसाले मौजूद हैं जो सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी होते हैं। इन्हीं में से एक है — अजवाइन के बीज। आयुर्वेद और घरेलू चिकित्सा पद्धति में अजवाइन को औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। इसका तीखा स्वाद और तीव्र सुगंध भले ही सबको न भाए, लेकिन इसके फायदे जानने के बाद शायद ही कोई इसे नजरअंदाज कर सके।

1. पाचन संबंधी समस्याएं

अजवाइन का सबसे प्रसिद्ध उपयोग पेट की बीमारियों में होता है। गैस, अपच, पेट दर्द, भूख न लगना या एसिडिटी जैसी समस्याओं में अजवाइन अत्यंत प्रभावी है। इसमें थायमॉल नामक यौगिक होता है, जो पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है और खाना जल्दी पचाने में मदद करता है। एक चुटकी अजवाइन को गर्म पानी या काले नमक के साथ लेने से राहत मिलती है।

2. सर्दी-खांसी और जुकाम

अजवाइन में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। इसका सेवन बंद नाक खोलने, गले की खराश ठीक करने और बलगम कम करने में सहायक होता है। भुनी हुई अजवाइन को एक कपड़े में बांधकर सूंघें, या अजवाइन पानी उबालकर पिएं।

3. जोड़ों का दर्द और गठिया

अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले) गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और गठिया में आराम देते हैं। अजवाइन को सरसों के तेल में गर्म करके मालिश करें, या अजवाइन का काढ़ा बनाकर पिएं।

4. ब्लड प्रेशर नियंत्रण

अजवाइन हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसमें उपस्थित पोषक तत्व ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं और नसों की जकड़न कम करते हैं। नियमित रूप से अजवाइन पानी सुबह खाली पेट पिया जा सकता है।

5. वजन घटाने में सहायक

अजवाइन चयापचय (मेटाबोलिज़्म) को तेज करता है और शरीर में फैट जमा होने से रोकता है। साथ ही यह भूख को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। रातभर भिगोई गई अजवाइन को सुबह उबालकर छान लें और उस पानी को पिएं।

6. मासिक धर्म की अनियमितता और दर्द

महिलाओं के लिए अजवाइन किसी वरदान से कम नहीं। यह न सिर्फ मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करता है, बल्कि दर्द और ऐंठन को भी कम करता है। अजवाइन को गुड़ के साथ गर्म पानी में उबालकर पीने से लाभ होता है।

अमेरिका से भारत नहीं खरीदेगा 'F-35' स्टील्थ जेट

नई दिल्ली। ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका का एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट अब भारतीय वायुसेना के बेड़े का हिस्सा नहीं बनेगा। दरअसल भारत ने इसे खरीदने से इंकार कर दिया हैं। यह निर्णय केवल एक रक्षा सौदे को ठुकराने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे भारत की परिपक्व विदेश नीति, रणनीतिक स्वाभिमान और सैन्य आत्मनिर्भरता की गहरी सोच भी छुपी है।

ट्रंप प्रशासन की टकराव वाली नीति

हाल के महीनों में अमेरिका और भारत के रिश्तों में दिखने वाली खटास को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाए और रूसी तेल खरीद पर आर्थिक दंड की धमकी दी। इस सबके बीच, अमेरिका द्वारा एफ-35 जेट की पेशकश एक ऐसा प्रस्ताव बन गया, जो दोस्ती की बजाय दबाव जैसा लगने लगा।

फरवरी में ट्रंप और मोदी की वाशिंगटन में हुई बैठक के दौरान एफ-35 की पेशकश की गई थी। अप्रैल में आने वाले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी इस प्रस्ताव को दोहराया, लेकिन भारत ने संयम बरतते हुए न तो इसपर त्वरित प्रतिक्रिया दी और न ही जल्दबाज़ी में कोई समझौता किया।

भारत का जवाब: न शब्द में रणनीति छुपी है

अब जबकि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत ने स्पष्ट रूप से एफ-35 खरीदने में रुचि न होने की बात अमेरिकी अधिकारियों से कह दी है, तो यह फैसला एक व्यापक संदेश देता है—भारत अब केवल खरीदार नहीं, बल्कि रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा जाना चाहता है। मोदी सरकार का स्पष्ट रुख है कि भविष्य में किसी भी रक्षा सौदे में तकनीक ट्रांसफर, स्वदेशी निर्माण और फुल एक्सेस यानी सोर्स कोड तक पहुंच जैसे शर्तें पूरी होनी चाहिए। भारत सिर्फ हथियार नहीं खरीदना चाहता, वह रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता चाहता है।

क्या रूस बनेगा ‘वास्तविक’ डिफेंस पार्टनर?

रूस ने भारत के सामने वही प्रस्ताव रखा है जिसकी भारत को तलाश थी। एसयू-57 फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट के साथ रूस न केवल तकनीक ट्रांसफर की बात कर रहा है, बल्कि भारत में ही उत्पादन और सोर्स कोड देने को भी तैयार है। हाल ही में भारत के रक्षा सचिव ने भी इशारों में कहा था कि भारत अपने “दोस्त देश” से फिफ्थ जनरेशन लड़ाकू विमान खरीदने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। उन्होंने देश का नाम नहीं लिया, लेकिन अब जब अमेरिका को ‘ना’ कह दिया गया है, तो सारे संकेत रूस की ओर इशारा करते हैं।

बिहार वोटर लिस्ट 2025 जारी: ऑनलाइन नाम देखें

पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ तेज़ हो गई हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को चुनाव आयोग ने प्रारूप मतदाता सूची (Draft Voter List) जारी कर दी है। यह सूची विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत प्रकाशित की गई है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के प्रत्येक योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में हो।

ऑनलाइन देखें अपना नाम

अब मतदाता आसानी से ऑनलाइन अपना नाम वोटर लिस्ट में देख सकते हैं। इसके लिए आयोग ने विशेष वेबसाइट्स पर सूची अपलोड की है: https://voters.eci.gov.in, https://voters.eci.gov.in/download-eroll?stateCode=S04, https://electoralsearch.eci.gov.in, https://electoralsearch.eci.gov.in/pollingstation, इन पोर्टलों पर जाकर कोई भी नागरिक अपना नाम, मतदाता पहचान संख्या (EPIC नंबर), या क्षेत्र के आधार पर खोज कर सकता है।

बूथ स्तर पर भी उपलब्ध होगी सूची

राज्य के 90,000 से अधिक मतदान केंद्रों (बूथों) पर यह प्रारूप मतदाता सूची सार्वजनिक की जाएगी। मतदाता अपने बीएलओ (Booth Level Officer) से संपर्क कर या सीधे बूथ पर जाकर सूची में अपना और अपने परिवार के सदस्यों का नाम देख सकते हैं।

नाम जोड़ने, हटाने या सुधार की प्रक्रिया

अगर किसी मतदाता का नाम सूची में नहीं है, या कोई त्रुटि है, तो 1 अगस्त 2025 से 1 सितंबर 2025 तक वह दावा या आपत्ति दर्ज कर सकता है। इसके लिए वे राज्य के 243 निर्वाचक निबंधन अधिकारियों (EROs) के पास ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।

राजनीतिक दलों को मिलेगी सूची की प्रतिलिपि

चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को प्रारूप मतदाता सूची की डिजिटल एवं भौतिक प्रतिलिपियाँ प्रदान की जाएंगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और सभी दल चुनाव की तैयारी पूरी जानकारी के साथ कर सकें।

PPP में भारत तीसरे नंबर पर, जर्मनी-जापान सब पीछे!

नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था एक मजबूत अर्थव्यवस्था हैं। रिपोर्ट के मुताबिक  वैश्विक अर्थव्यवस्था के नक्शे क्रय शक्ति समता (Purchasing Power Parity - PPP) के आधार पर भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इस मानक पर भारत ने जापान, जर्मनी, ब्रिटेन और रूस जैसे विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है।

PPP के आधार पर चीन 19.29 फीसदी वैश्विक हिस्सेदारी के साथ पहले स्थान पर है। अमेरिका 14.84 फीसदी के साथ दूसरे और भारत 8.49 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर है। यह आकड़ा न केवल भारत की आर्थिक मजबूती को दर्शाता है, बल्कि इस बात का भी संकेत है कि देश की घरेलू उत्पादन क्षमता और उपभोग की ताकत में लगातार इज़ाफा हो रहा है।

क्या है PPP और क्यों है यह महत्वपूर्ण?

PPP यानी Purchasing Power Parity, किसी देश की मुद्रा की वास्तविक क्रय शक्ति को मापता है। यह इस बात को ध्यान में रखता है कि एक समान वस्तु या सेवा की कीमत अलग-अलग देशों में कितनी है। इस आधार पर अर्थव्यवस्था का मूल्यांकन करने से यह स्पष्ट होता है कि देश में जीवन स्तर और उपभोग की क्षमता कितनी है, और स्थानीय मुद्रा वास्तव में कितनी ‘मजबूत’ है।

नॉमिनल GDP बनाम PPP

नॉमिनल जीडीपी के हिसाब से अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसके बाद चीन, जर्मनी, जापान और भारत आते हैं। लेकिन जब बात PPP की होती है, तो तस्वीर काफी बदल जाती है। यहाँ चीन पहले, अमेरिका दूसरे और भारत तीसरे नंबर पर आ जाता है।

भारत की PPP हिस्सेदारी 8.49% है, जबकि रूस (3.49%), जापान (3.31%), जर्मनी (3.02%), इंडोनेशिया (2.44%), ब्राजील (2.39%), फ्रांस (2.19%) और ब्रिटेन (2.16%) पीछे रह गए हैं। भारत की इस सफलता के पीछे कई कारक हैं—विस्तृत घरेलू बाजार, मजबूत सेवा क्षेत्र, तेजी से बढ़ती उत्पादन क्षमता, और डिजिटल अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास।

भारत की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत: जानें 6 बड़ी बातें

नई दिल्ली। वर्तमान समय में भारत न केवल जनसंख्या के लिहाज़ से विश्व का सबसे बड़ा देश बन चुका है, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी तेज़ी से उभरती हुई वैश्विक शक्ति बन रहा है। हालिया आंकड़े, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की रिपोर्ट्स और घरेलू आर्थिक सुधार यह स्पष्ट संकेत देते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती की ओर अग्रसर है। इसे वैश्विक मंच पर एक शक्तिशाली देश के रूप में स्थापित कर रही हैं।

1. दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

भारत अब दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और जल्द ही जापान व जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर आने की ओर अग्रसर है। IMF और वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाओं ने भी भारत की विकास दर को स्थिर और सकारात्मक बताया है। वर्ष 2025-26 तक भारत का GDP $4 ट्रिलियन को पार कर सकता है।

2. तेजी से बढ़ती GDP ग्रोथ

भारत की GDP ग्रोथ रेट लगातार 6-7% के बीच बनी हुई है, जो अधिकांश विकसित देशों से कहीं अधिक है। FY 2024-25 की पहली तिमाही में GDP वृद्धि 7.2% रही, जो वैश्विक मंदी के बीच भी भारत की आर्थिक ताकत को दर्शाता है।

3. मजबूत घरेलू मांग और उपभोग

भारत की विशाल जनसंख्या और बढ़ता मध्यम वर्ग देश में घरेलू मांग को लगातार मजबूत बनाए हुए है। इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, रिटेल और FMCG सेक्टर में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। डिजिटल पेमेंट्स और ई-कॉमर्स का तेज़ी से विस्तार भी इस रुझान को और बल दे रहा है।

4. मेक इन इंडिया और मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार

सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘पीएलआई स्कीम’ जैसे अभियानों ने भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब की ओर बढ़ाया है। एप्पल, सैमसंग समेत अन्य बड़ी कंपनियां भारत में अपने उत्पादन आधार बढ़ा रही हैं, जिससे रोजगार के अवसर भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं।

5. डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी में नेतृत्व

UPI, आधार, डिजिलॉकर, ONDC जैसे प्लेटफॉर्म ने भारत को दुनिया के सबसे उन्नत डिजिटल इकोनॉमीज़ में शामिल कर दिया है। भारत आज डिजिटल ट्रांजैक्शन में विश्व में सबसे आगे है। फिनटेक, स्टार्टअप्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भी भारत तेज़ी से प्रगति कर रहा है।

6. भारत वर्तमान में वैश्विक निवेशकों की पसंद

भारत अब FDI (विदेशी निवेश) के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन चुका है। भू-राजनीतिक स्थिति, श्रमबल, उद्यमिता और नीति-समर्थन के चलते भारत को चीन का विकल्प भी माना जा रहा है। हाल ही में कई अरब डॉलर के निवेश भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी और तकनीकी क्षेत्रों में आए हैं।

IBPS भर्ती 2025: 10277 पदों के लिए आवेदन

नई दिल्ली। बैंकिंग क्षेत्र में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (IBPS) ने वर्ष 2025 के लिए 10277 कस्टमर सर्विस एसोसिएट पदों पर भर्ती की घोषणा की है। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत देशभर के बैंकों में हजारों उम्मीदवारों को रोजगार मिलने का अवसर मिलेगा।

शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा

इस भर्ती के लिए आवेदन करने हेतु अभ्यर्थी का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक होना अनिवार्य है। उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 20 वर्ष और अधिकतम आयु 28 वर्ष होनी चाहिए। आयु की गणना के लिए उम्मीदवार का जन्म 2 अगस्त 1997 से 1 अगस्त 2005 के बीच होना चाहिए (दोनों तिथियां शामिल)।

आवेदन प्रक्रिया और शुल्क

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 1 अगस्त 2025 से शुरू होकर 21 अगस्त 2025 तक चलेगी। इच्छुक अभ्यर्थी IBPS की आधिकारिक वेबसाइट (www.ibps.in) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। SC/ST/PwBD/ESM/DESM श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क ₹175/- (GST सहित) है। अन्य सभी उम्मीदवारों के लिए शुल्क ₹850/- (GST सहित) निर्धारित किया गया है।

वेतनमान (Salary Structure)

चयनित उम्मीदवारों को आकर्षक वेतनमान के साथ विभिन्न भत्ते भी प्रदान किए जाएंगे। वेतनमान इस प्रकार है: ₹24,050 - ₹64,480 (क्रमिक वेतनवृद्धि के साथ), जिसमें विभिन्न स्तरों पर वेतनवृद्धि की व्यवस्था दी गई है।

महत्वपूर्ण तिथियां

ऑनलाइन आवेदन शुरू: 01 अगस्त 2025

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 21 अगस्त 2025

परीक्षा तिथि और अन्य जानकारी IBPS द्वारा जल्द ही घोषित की जाएगी।

यूपी में 930 पदों की भर्ती के लिए होगी परीक्षा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) ने कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-ए और लिपिक संवर्ग के पदों पर होने वाली लिखित परीक्षा की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। यह परीक्षा अक्टूबर माह में कराए जाने की संभावना है, और इसके लिए बोर्ड जल्द ही आधिकारिक तिथि की घोषणा करेगा।

कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-ए के 930 पदों पर भर्ती

पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-ए के कुल 930 रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी। इन पदों के लिए पहले ही आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब अभ्यर्थियों को केवल परीक्षा तिथि का इंतजार है। यह परीक्षा ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम में हो सकती है, जिसकी विस्तृत जानकारी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी।

लिपिक संवर्ग में 921 पदों पर भर्ती

इसके अलावा लिपिक संवर्ग, जिसमें उपनिरीक्षक (गोपनीय), सहायक उपनिरीक्षक (लिपिक) और सहायक उपनिरीक्षक (लेखा) शामिल हैं, उनके लिए भी कुल 921 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इन पदों के लिए भी लिखित परीक्षा अक्टूबर में ही कराए जाने की संभावना है।

दारोगा भर्ती: 4,534 पदों पर प्रक्रिया जारी

सिर्फ कंप्यूटर ऑपरेटर और लिपिक संवर्ग ही नहीं, बल्कि उपनिरीक्षक (SI) के 4,534 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी आगे बढ़ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि अक्टूबर में कंप्यूटर ऑपरेटर और लिपिक संवर्ग की परीक्षाएं पूरी होने के बाद, दारोगा भर्ती की लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी।

अभ्यर्थियों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

पुलिस भर्ती बोर्ड ने अभ्यर्थियों को सुझाव दिया है कि वे परीक्षा से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नियमित रूप से बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट (uppbpb.gov.in) का अवलोकन करते रहें। परीक्षा की तिथि, प्रवेश पत्र, परीक्षा केंद्र और अन्य सूचनाएं यहीं प्रकाशित की जाएंगी।

"नाग" के तीन अवतार: भारत के दुश्मनों का काल

नई दिल्ली। भारत की रक्षा प्रणाली में "नाग" मिसाइल प्रणाली सबसे बड़ी स्वदेसी सफलता हैं। जिसके तीन अत्याधुनिक अवतार देश की थल, वायु और मोबाइल क्षमता को अभूतपूर्व बल दे रहे हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित यह मिसाइल प्रणाली भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति की एक बड़ी उपलब्धि है।

1. नाग (Nag): टैंकों का शत्रु

"नाग" एक तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है, जिसे दिन और रात, हर मौसम में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह मिसाइल "फायर एंड फॉरगेट" तकनीक से लैस है, यानी एक बार लक्ष्य लॉक हो जाने के बाद ऑपरेटर को हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होती। यह दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को अत्यंत सटीकता से नष्ट करने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता लगभग 4 से 7 किलोमीटर है।

2. हेलीना (Helina) / ध्रुवस्त्र: हवा से वार

"हेलीना" या "ध्रुवस्त्र" इस मिसाइल का एयर-टू-ग्राउंड संस्करण है, जिसे हेलीकॉप्टरों से दागा जाता है। यह मिसाइल हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) और ध्रुव हेलीकॉप्टर से लॉन्च की जा सकती है। इसकी मारक क्षमता करीब 7–8 किलोमीटर तक है और यह दुश्मन के ठिकानों, टैंकों और सैन्य वाहनों को बेहद कुशलता से निशाना बनाती है। ध्रुवस्त्र का उन्नत संस्करण भारतीय वायुसेना में शामिल होने की ओर अग्रसर है।

3. NAMICA (Nag Missile Carrier): मोबाइल शक्ति

NAMICA, यानी Nag Missile Carrier, इस मिसाइल प्रणाली का मोबाइल प्लेटफॉर्म है। इसे BMP-2 चेसिस पर आधारित बनाया गया है और यह एक बार में छह नाग मिसाइलें लॉन्च करने में सक्षम है। इसका प्रयोग थल सेना की अग्रिम पंक्तियों में मिसाइल तैनाती के लिए किया जाता है, जिससे दुश्मन के टैंक और बख्तरबंद वाहनों को दूर से ही खत्म किया जा सकता है।

सामरिक बढ़त और आत्मनिर्भर भारत

"नाग" मिसाइल प्रणाली पूरी तरह स्वदेशी है और यह भारत को विदेशी एंटी-टैंक मिसाइलों पर निर्भर रहने से मुक्ति दिलाती है। इससे न केवल सैन्य क्षमता में इज़ाफा हुआ है, बल्कि भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता और तकनीकी आत्मनिर्भरता को भी मजबूती मिली है।

BEML भर्ती 2025: 96 पदों के लिए करें आवेदन

न्यूज डेस्क। देश की अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी BEML Limited ने 96 कनिष्ठ कार्यकारी पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। यह एक सुनहरा अवसर है उन युवाओं के लिए जो इंजीनियरिंग क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 12 अगस्त 2025 तक आधिकारिक वेबसाइट bemlindia.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

कौन-कौन से पदों पर भर्ती?

BEML द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार विभिन्न विषयों में कनिष्ठ कार्यकारी पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं: Mechanical, Electrical & Electronics, Metallurgy, Information Technology

शैक्षणिक योग्यता

इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास संबंधित शाखा में BE/B.Tech की डिग्री होनी चाहिए और उसमें न्यूनतम 60% अंक होने चाहिए।=

आयु सीमा

इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार की अधिकतम आयु 29 वर्ष होनी चाहिए। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए नोटिश देखें।

वेतनमान

इन पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को हर महीने ₹35,000 से ₹43,000 तक का वेतन दिया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए नोटिश देखें।

चयन प्रक्रिया

उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा। विस्तृत चयन प्रक्रिया, पाठ्यक्रम, परीक्षा तिथि और प्रवेश पत्र संबंधी जानकारी जल्द ही वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी।

आवेदन शुल्क

आवेदन शुल्क की जानकारी के लिए अभ्यर्थियों को आधिकारिक अधिसूचना देखने की सलाह दी जाती है। पूरी जानकारी के लिए नोटिश पढ़ें।

आवेदन कैसे करें?

उम्मीदवारों को आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से करना है। आवेदन करने के लिए https://recruitment.bemlindia.in वेबसाइट पर विजिट करें।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 12 अगस्त 2025

भारत का नया ब्रह्मास्त्र: 'रुद्रम' के ये 4 अवतार!

नई दिल्ली। भारत की रक्षा शक्ति को एक और नई धार मिल गई है। स्वदेशी तकनीक से विकसित की जा रही ‘रुद्रम’ सीरीज़ की चार एंटी-रेडिएशन मिसाइलें—NGARM (New Generation Anti-Radiation Missile), रुद्रम-2, रुद्रम-3 और रुद्रम-4—अब दुश्मनों के लिए नया सिरदर्द बनती जा रही हैं। इन मिसाइलों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये दुश्मन के रडार, संचार और निगरानी प्रणालियों को जड़ से खत्म करने में सक्षम हैं, जिससे किसी भी हवाई ऑपरेशन के दौरान भारत को निर्णायक बढ़त मिलती है।

क्या है 'रुद्रम'?

‘रुद्रम’ दरअसल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की जा रही एक एडवांस एंटी-रेडिएशन मिसाइल श्रृंखला है। इसका उद्देश्य दुश्मन की एयर डिफेंस प्रणाली को ध्वस्त करना है ताकि भारतीय वायुसेना अपने ऑपरेशनों को बिना बाधा के अंजाम दे सके। 'रुद्रम' का नाम भगवान शिव के प्रचंड रूप ‘रुद्र’ से लिया गया है, जो विनाश का प्रतीक माने जाते हैं।

चार मिसाइलें, चार ताकतें

रुद्रम-1 : यह भारत की पहली एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जिसे सुखोई-30MKI जैसे फाइटर जेट्स से दागा जा सकता है। NGARM दुश्मन के रडार और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल स्रोतों को सटीक निशाना बनाकर खत्म करने में माहिर है। इसकी रेंज 100-150 किमी तक मानी जाती है।

रुद्रम-2: यह NGARM का उन्नत संस्करण है, जिसकी रेंज और मारक क्षमता दोनों ही बेहतर हैं। रुद्रम-2 को सुपरसोनिक गति से उड़ने और बेहद सटीकता से लक्ष्य भेदने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी रेंज 200 किमी हैं।

रुद्रम-3: यह मिसाइल हाइपरसोनिक श्रेणी की ओर बढ़ती हुई तकनीक को दर्शाती है। रुद्रम-3 का उद्देश्य न केवल इलेक्ट्रॉनिक टारगेट्स को खत्म करना है, बल्कि इसे बहुउद्देश्यीय वारहेड्स के साथ भी लैस किया जा सकता है। इसकी रेंज 500 किमी हैं।

रुद्रम-4: रुद्रम-4 फिलहाल परीक्षण के चरण में है, इसकी रफ्तार मैक -5 से ज्यादा हो सकती है। साथ ही ये अडवांस एयर डिफेंस सिस्टम को भी यह चकमा दे सकती है।

क्यों डरें चीन और पाकिस्तान?

भारत की ये मिसाइलें पारंपरिक युद्ध शैली को बदलने में सक्षम हैं। युद्ध के दौरान सबसे पहले दुश्मन की निगरानी और संचार प्रणाली को निशाना बनाना, उसकी पूरी युद्ध रणनीति को निष्क्रिय करने जैसा है। ऐसे में चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए ‘रुद्रम’ एक बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, “रुद्रम मिसाइलें भारत को नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर में एक मजबूत खिलाड़ी बनाती हैं। यह मिसाइलें किसी भी एयर स्ट्राइक मिशन के पहले चरण में सबसे अहम भूमिका निभाएंगी।”

हर दिन कच्चा लहसुन खाएं और इन 6 बीमारियों को कहें अलविदा

हेल्थ डेस्क। भारतीय रसोई में लहसुन को सिर्फ स्वाद बढ़ाने वाले मसाले के रूप में नहीं देखा जाता, बल्कि इसे एक औषधीय गुणों से भरपूर सुपरफूड माना जाता है। खासतौर पर कच्चा लहसुन, जिसे खाली पेट सेवन करना बेहद लाभकारी होता है, कई गंभीर बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही इसके फायदों को स्वीकार करते हैं।

1. हाई ब्लड प्रेशर को करे नियंत्रित

कच्चे लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन नामक तत्व रक्त धमनियों को रिलैक्स करने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए एक नेचुरल उपाय साबित हो सकता है।

2. कोलेस्ट्रॉल को करे कम

रोजाना कच्चा लहसुन खाने से एलडीएल (बुरा कोलेस्ट्रॉल) कम होता है और एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा घटता है।

3. डायबिटीज में फायदेमंद

कच्चा लहसुन इंसुलिन के स्तर को बेहतर बनाने में सहायक है। यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को लाभ हो सकता है।

4. इम्युनिटी को करे मजबूत

लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यह सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर वायरल संक्रमण तक से बचाव करता है।

5. कैंसर से बचाव में सहायक

शोध में पाया गया है कि कच्चा लहसुन शरीर में कैंसर पैदा करने वाले तत्वों से लड़ने में मदद कर सकता है, विशेष रूप से पेट और कोलन कैंसर से बचाव में इसकी भूमिका मानी गई है।

6. पाचन तंत्र को रखे दुरुस्त

कच्चा लहसुन खाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है। यह आंतों में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करता है और अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है।

कैसे खाएं कच्चा लहसुन?

रोज सुबह खाली पेट 1-2 कलियां कच्चे लहसुन की चबाकर खाएं। बेहतर असर के लिए इन्हें काटकर कुछ मिनटों तक खुला छोड़ दें, ताकि एलिसिन सक्रिय हो सके।

यूपी में भारी बारिश, 20 जिलों वाले अलर्ट मोड में रहें!

लखनऊ। मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में अगले दो दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विशेष रूप से सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, संभल और आसपास के जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई गई है।

मौसम की वर्तमान स्थिति

आपको बता दें की जुलाई माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो पश्चिमी यूपी में अच्छी बारिश हुई, लेकिन प्रदेश के मध्य एवं अन्य हिस्सों में सामान्य से करीब 21 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई। इसके कारण कई जगहों पर पानी की कमी का खतरा बना हुआ है।

आगामी अगस्त में बारिश के संकेत

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि अगस्त माह में पूरे प्रदेश में अच्छी और समुचित बारिश की संभावना है। यह बारिश खासतौर पर पश्चिमी यूपी से शुरू होकर धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों में भी होगी। शुक्रवार से यह प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।

जनता के लिए सुझाव और तैयारी

मौसम विभाग ने जनता से अपील की है कि वे भारी बारिश के दौरान सतर्क रहें और बचाव के उपाय अपनाएं। ग्रामीण और शहरी इलाकों में जलभराव और सड़कें फिसलने का खतरा बना रहेगा, इसलिए आवाजाही में सावधानी बरतें। साथ ही किसानों को भी अपने फसलों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह दी गई है। प्रदेश के कुछ जिलों में वज्रपात के भी आसार हैं।

बिहार में 'जीविका दीदियों' के लिए बड़ी खुशखबरी

पटना। बिहार में‘जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड’ ने अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। यह संस्था अब शुरुआती दौर में जीविका से जुड़ी स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं को तीन प्रकार के लोन प्रदान करने जा रही है, जिनकी राशि 15 हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक होगी। इस पहल का मकसद है महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना और उनकी सामाजिक स्थिति को मजबूत करना।

लोन की राशि और शर्तें

जीविका निधि साख सहकारी संघ द्वारा तय की गई लोन राशि तीन कैटेगरी में बांटी गई है – 15 हजार रुपये, 75 हजार रुपये और अधिकतम दो लाख रुपये। इन सभी लोन पर सालाना 12 प्रतिशत ब्याज दर लागू होगी, जो महिलाओं के लिए कर्ज लेना सुलभ और सस्ता बनाता है। साथ ही, लोन चुकाने की अवधि भी राशि के आधार पर अलग-अलग तय की गई है। 15 हजार रुपये का लोन एक वर्ष में, 75 हजार रुपये का लोन दो वर्षों में और दो लाख रुपये का लोन अधिकतम तीन वर्षों में चुकाना होगा। यह योजना महिलाओं को अपनी आर्थिक जरूरतों के अनुसार उपयुक्त विकल्प चुनने की स्वतंत्रता देती है।

स्वायत्तता और संचालन

जीविका निधि साख सहकारी संघ की प्रबंध समिति की पहली बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई और आगामी तीन महीनों की कार्ययोजना को भी स्वीकृत किया गया। खास बात यह है कि इस पूरे संचालन की जिम्मेदारी स्वयं जीविका दीदियों को सौंपी गई है, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता और प्रबंधन कौशल भी विकसित होगा। जीविका के मुख्य कार्यपालक अधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि बिहार सरकार ने इस परियोजना के लिए 105 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है, जिसमें से 5 करोड़ रुपये स्थापना मद के लिए आवंटित हैं।

महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में बड़ा कदम

इस पहल के माध्यम से न केवल महिलाओं को वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि वे स्वयं सहायता समूह के तहत आर्थिक निर्णय लेने में अधिक सक्षम बनेंगी। इससे महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनने का मौका मिलेगा, बल्कि वे अपने परिवार और समुदाय में भी प्रभावी भूमिका निभा सकेंगी। यह योजना बिहार में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

बिहार में रसोइयों, रात्रि पहरियों और अनुदेशकों का बढ़ा मानदेय

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग के तहत कार्यरत रसोइयों, रात्रि पहरियों और अनुदेशकों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि करने का ऐलान किया है। यह निर्णय विभागीय कर्मियों के मनोबल को बढ़ावा देने और उनकी कार्यक्षमता में सुधार के लिए लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब मध्याह्न भोजन में कार्यरत रसोइयों का मासिक मानदेय 1650 रुपए से बढ़ाकर 3300 रुपए कर दिया गया है। इससे वेतन में यह वृद्धि उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाएगी तथा उन्हें अधिक उत्साह के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

साथ ही, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विद्यालयों में कार्यरत रात्रि पहरियों का मानदेय भी 5000 रुपए से दोगुना कर 10,000 रुपए कर दिया गया है। रात्रि पहरियों की भूमिका सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, ऐसे में इस वेतन वृद्धि से उनकी जिम्मेदारियों को और बेहतर तरीके से निभाने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा, शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों के वेतन में भी 8,000 रुपए से बढ़ाकर 16,000 रुपए करने का निर्णय लिया गया है। इन अनुदेशकों का स्वास्थ्य और फिटनेस को बढ़ावा देने में योगदान अतुलनीय होता है, और इस वेतन वृद्धि से वे अधिक समर्पण के साथ कार्य कर सकेंगे।

सरकार ने यह भी घोषणा की है कि इन कर्मियों की वार्षिक वेतन वृद्धि को 200 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए कर दिया गया है। इससे दीर्घकालीन आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी और कर्मचारियों का मनोबल मजबूत होगा। इस पहल के माध्यम से बिहार सरकार शिक्षा विभाग के कर्मियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शा रही है। मानदेय वृद्धि से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, बल्कि यह उन्हें अपने कार्यों के प्रति और अधिक उत्साह और लगन से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगी।

बिहार में इन "कर्मचारियों" के लिए बड़ी खुशखबरी

पटना। बिहार में सरकारी स्कूलों में काम करने वाले महत्वपूर्ण कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक बड़ा ऐलान करते हुए मिड डे मील के रसोइए, रात्रि प्रहरी, तथा शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय में दोगुनी बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। यह कदम शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और इन कर्मचारियों की मेहनत एवं योगदान को सम्मानित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

मानदेय में हुई बढ़ोतरी

मिड डे मील के तहत कार्यरत रसोइयों का मानदेय पहले 1650 रुपये था, जिसे अब 3300 रुपये कर दिया गया है। वहीं, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के विद्यालयों में तैनात रात्रि प्रहरी का मानदेय 5000 रुपये से बढ़ाकर 10000 रुपये कर दिया गया है। शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय भी 8000 रुपये से दोगुना कर 16000 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही, इन कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि भी 200 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है, जो कि उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सहायक साबित होगी।

शिक्षा क्षेत्र में नीतीश सरकार का संकल्प

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि 2005 में शिक्षा का कुल बजट 4366 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 77690 करोड़ रुपये हो गया है। इस अवधि में शिक्षकों की नियुक्ति, नए विद्यालय भवनों का निर्माण और आधारभूत संरचनाओं के विकास से शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार हुआ है। यह दिखाता है कि सरकार शिक्षा को प्राथमिकता के रूप में देखती है और इसमें निवेश लगातार बढ़ा रही है।

कर्मचारियों की भूमिका और महत्व

मिड डे मील के रसोइए, रात्रि प्रहरी और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक शिक्षा व्यवस्था के स्थायित्व और गुणवत्ता के लिए अनिवार्य हैं। वे न केवल बच्चों की भलाई और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि उनके संपूर्ण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, उनकी मेहनत और समर्पण को मानदेय में वृद्धि के माध्यम से सम्मानित करना सरकार की संवेदनशीलता और दूरदर्शिता का प्रमाण है।

बैंक ऑफ बड़ौदा में 'मैनेजर' समेत 41 वेकेंसी

न्यूज डेस्क। बैंक ऑफ बड़ौदा ने विभिन्न विभागों में कुल 41 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इनमें डिजिटल बैंकिंग, सिक्योरिटी, इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से जुड़े पद शामिल हैं। ये भर्तियां नियमित आधार पर की जाएंगी, जिससे बैंक में स्थायी नौकरी का अवसर मिलेगा।

पदों का विवरण

सिक्योरिटी:

फायर सेफ्टी ऑफिसर – 14 पद

डिजिटल बैंकिंग:

मैनेजर (डिजिटल) – 7 पद, सीनियर मैनेजर (डिजिटल प्रोडक्ट) – 6 पद

इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी:

मैनेजर – स्टोरेज एडमिनस्ट्रेटर एंड बैकअप – 2 पद, सीनियर मैनेजर – स्टोरेज एडमिनस्ट्रेटर एंड बैकअप – 2 पद

इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी:

मैनेजर इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी – 4 पद, सीनियर मैनेजर इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी – 4 पद, चीफ मैनेजर इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी – 2 पद

आवश्यक योग्यता

इन पदों के लिए उम्मीदवारों के पास मान्यता प्राप्त संस्थान से पदों के अनुसार बीई/बीटेक या एमसीए की डिग्री होनी चाहिए। साथ ही, मैनेजर और सीनियर मैनेजर (डिजिटल प्रोडक्ट) पदों के लिए अनुभव भी अनिवार्य है।

आयु सीमा

मैनेजर पद: 24 से 34 वर्ष, फायर सेफ्टी ऑफिसर: 22 से 35 वर्ष, चीफ मैनेजर इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी: 30 से 40 वर्ष निर्धारित किया गया हैं।

चयन प्रक्रिया

चयन प्रक्रिया में उम्मीदवारों को ऑनलाइन लिखित परीक्षा, ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू से गुजरना होगा। लिखित परीक्षा कुल 225 अंकों की होगी, जिसमें 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। इन प्रश्नों को हल करने के लिए उम्मीदवारों को 150 मिनट का समय दिया जाएगा।

आवेदन कैसे करें?

जो उम्मीदवार निर्धारित योग्यता पूरी करते हैं, वे 12 अगस्त, 2025 तक ऑनलाइन के द्वारा आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं।

सभी 'केंद्रीय कर्मचारियों' को लगेगी 'डबल लॉटरी'!

नई दिल्ली। देश के लगभग एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इस अगस्त महीने को त्योहार की तरह मना सकते हैं। इस बार उन्हें दो बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है, जो उनकी आमदनी और भविष्य दोनों के लिए वरदान साबित होंगी। पहली खुशखबरी है महंगाई भत्ते (Dearness Allowance - DA) में प्रस्तावित बढ़ोतरी और दूसरी, 8वें वेतन आयोग के लाभों की तैयारी?

DA की नई दर: कब और क्यों?

महंगाई भत्ता हर कर्मचारी की सैलरी में महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है। जून 2025 के AICPI (All India Consumer Price Index) आंकड़ों के आधार पर जुलाई 2025 से लागू होने वाले DA का नया प्रतिशत तय होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार बढ़ती महंगाई के चलते इस बार DA में 4% से अधिक की बढ़ोतरी संभव है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में स्पष्ट उछाल आएगा।

DA बढ़ोतरी का सीधा असर

DA का बढ़ना न केवल मौजूदा वेतन को बढ़ाता है, बल्कि भविष्य की सैलरी और पेंशन की गणना की आधारशिला भी मजबूत करता है। इसका मतलब यह हुआ कि कर्मचारी को हर महीने ज्यादा वेतन के साथ-साथ पेंशन में भी वृद्धि होगी। खास बात यह है कि यह वृद्धि स्थायी है, यानी यह आने वाले वर्षों में भी वेतन और पेंशन के आधार को मजबूत बनाएगी।

8वें वेतन आयोग की तैयारी। 

8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को जो नई सैलरी संरचना मिल सकती हैं। यह ‘डबल लॉटरी’ इसलिए कही जा रही है क्योंकि कर्मचारी न केवल DA में बढ़ोतरी के लाभान्वित होंगे, बल्कि यह बढ़ा हुआ DA 8वें वेतन आयोग के लाभ को भी गुणा कर देगा। दो बड़े फायदे एक साथ मिलने से कर्मचारियों के लिए यह अगस्त का महीना किसी त्योहार से कम नहीं होगा।

बुढ़ापे में ताकत बढ़ाने वाले 4 जरूरी विटामिन

हेल्थ डेस्क। बुढ़ापा जीवन का एक स्वाभाविक चरण है, लेकिन इस दौर में शरीर की शक्ति और सेहत बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। उम्र के साथ शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी होने लगती है, जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं, याददाश्त कमजोर होती है और ऊर्जा की कमी महसूस होती है। ऐसे में कुछ खास विटामिन और पोषक तत्व बुढ़ापे में शरीर की ताकत और सेहत बनाए रखने में मदद करते हैं।

1. विटामिन डी

विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है। यह कैल्शियम को शरीर में अवशोषित करने में मदद करता है, जिससे हड्डियां स्वस्थ और मजबूत रहती हैं। बुढ़ापे में विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। धूप में नियमित समय बिताना और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ लेना जरूरी है।

2. विटामिन बी12

विटामिन बी12 नर्व सिस्टम और लाल रक्त कोशिकाओं के लिए आवश्यक है। बुढ़ापे में इसके स्तर कम होने पर थकान, याददाश्त कमजोर होना, और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके लिए मछली, अंडे और डेयरी उत्पादों का सेवन करना लाभकारी होता है।

3. कैल्शियम

कैल्शियम हड्डियों की मजबूती के लिए सबसे जरूरी तत्व है। उम्र बढ़ने के साथ कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों का कमज़ोर पड़ना शुरू हो जाता है। दूध, दही, पनीर, और हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।

4. ओमेगा-3 फैटी एसिड

ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय स्वास्थ्य, मस्तिष्क की कार्यक्षमता और सूजन कम करने में मदद करता है। यह मछली, अलसी के बीज, और अखरोट में पाया जाता है। बुढ़ापे में इसे अपनी डाइट में शामिल करना सेहत के लिए फायदेमंद है।

हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी: सिर्फ 4 देशों की खास उपलब्धि

नई दिल्ली। दुनिया की सैन्य तकनीक लगातार विकसित हो रही है, और इस दौड़ में हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी एक नई क्रांति लेकर आई है। इस अत्याधुनिक तकनीक की मदद से मिसाइलें ध्वनि की गति से पांच गुना या उससे भी अधिक तेज़ रफ्तार से लक्ष्य तक पहुंच सकती हैं, जिससे पारंपरिक रक्षा तंत्रों के लिए इन्हें रोकना लगभग असंभव हो जाता है। फिलहाल, पूरी दुनिया में केवल चार ही देश—अमेरिका, रूस, चीन और भारत—इस उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक के मालिक हैं।

हाइपरसोनिक मिसाइल क्या हैं?

हाइपरसोनिक मिसाइलें पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलों से अलग होती हैं क्योंकि ये न केवल बेहद तेज़ गति से चलती हैं, बल्कि अत्यधिक लचीली उड़ान पथ भी अपनाती हैं। यह तकनीक मिसाइल को रेडार और एंटी-मिसाइल सिस्टम से बचने में मदद करती है। इसकी गति और गतिशीलता के कारण इसे रोक पाना आज की सबसे बड़ी चुनौती है।

4 देशों की खास उपलब्धि

1 .रूस: रूस ने सबसे पहले अपनी ‘अवांगार्ड’ और ‘किनज़ाल’ जैसी हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक विकसित की और इसे अपनी सेना में शामिल किया।

2 .चीन: चीन ने ‘डीएफ-17’ मिसाइल को सफलतापूर्वक टेस्ट कर अपनी सैन्य ताकत में वृद्धि की।

3 .अमेरिका: अमेरिका लगातार इस तकनीक पर काम कर रहा है और अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ा रहा है।

4 .भारत: भारत ने भी हाल हाइपरसोनिक मिसाइलों के सफल परीक्षण किए हैं, जिससे उसकी सैन्य क्षमता में काफी मजबूती आई है।

वैश्विक सुरक्षा पर प्रभाव

आज के समय में हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन को बदलने वाली एक बड़ी ताकत है। जब तक अधिक देशों के पास यह तकनीक नहीं आती, तब तक यह चार देशों की खास उपलब्धि बनी रहेगी। भविष्य में इस तकनीक के नियंत्रण और निरोध के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समझौतों की आवश्यकता अनिवार्य होगी।

अगर आप पुरुष हैं, तो इन 5 विटामिन्स की कमी न होने दें

हेल्थ डेस्क। आज के व्यस्त और तनावपूर्ण जीवन में पुरुषों की सेहत पर कई बार अनदेखी हो जाती है। सही पोषण न मिलने से शरीर में विटामिन्स की कमी हो सकती है, जो कई बीमारियों और कमजोरी का कारण बनती है। खासकर विटामिन्स की कमी से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। इसलिए, हर पुरुष को चाहिए कि वे अपनी डाइट में इन 5 महत्वपूर्ण विटामिन्स का ध्यान रखें और उनकी कमी न होने दें।

1. विटामिन D

सूरज की किरणों से मिलता है यह विटामिन। विटामिन D हड्डियों को मजबूत करता है और कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और थकान, कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पुरुषों में यह हार्मोन संतुलन और इम्यूनिटी के लिए भी जरूरी है।

2. विटामिन B12

यह विटामिन तंत्रिका तंत्र के लिए आवश्यक है और ऊर्जा उत्पादन में मदद करता है। विटामिन B12 की कमी से थकावट, चक्कर आना, याददाश्त कमजोर होना और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मांसाहारी भोजन में यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, लेकिन शाकाहारी पुरुषों को सप्लीमेंट लेना जरूरी हो सकता है।

3. विटामिन C

यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। विटामिन C की कमी से सर्दी, जुकाम, और घाव भरने में देरी हो सकती है। यह त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।

4. विटामिन A

यह विटामिन दृष्टि सुधारने, त्वचा और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। विटामिन A की कमी से नजर कमजोर हो सकती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

5. विटामिन E

यह विटामिन भी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है, जो कोशिकाओं की मरम्मत और मर्दाना हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन में सहायता करता है। विटामिन E की कमी से त्वचा का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है और मर्दाना शक्ति पर असर पड़ सकता है।

दुनिया की 10 खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइलें, कहां है भारत?

नई दिल्ली। बैलिस्टिक मिसाइलें किसी भी देश की रणनीतिक शक्ति का अहम हिस्सा होती हैं। ये मिसाइलें हजारों किलोमीटर दूर तक अपने लक्ष्य को सटीकता से भेद सकती हैं, विशेषकर जब इनमें परमाणु पेलोड लोड हो। हालिया विशेषज्ञ आकलनों और सैन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस की RS-28 Sarmat दुनिया की सबसे खतरनाक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) मानी जा रही है।

टॉप 10 सबसे खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइलें

1 .RS-28 Sarmat (रूस): रेंज: 18,000 किमी, स्पीड: Mach 20+, विशेषता: 15 तक परमाणु वॉरहेड, हाइपरसोनिक ग्लाइड सिस्टम, एंटी-डिफेंस क्षमता

2 .R-36M2 Voevoda (रूस): रेंज: 16,000 किमी, विशेषता: अत्यधिक पेलोड और विनाश क्षमता, Cold War की विरासत

3 .DF-41 (चीन): रेंज: 12,000–15,000 किमी, स्पीड: Mach 25, विशेषता: रोड-मोबाइल, MIRVs के साथ अधिकतम पहुंच

4 .Trident II D5 (अमेरिका/UK): रेंज: 12,000 किमी, विशेषता: सबमरीन-लॉन्च, CEP ~90 मीटर, अत्यधिक सटीकता

5 .Minuteman III (अमेरिका): रेंज: 13,000 किमी, विशेषता: लैंड-बेस्ड ICBM, अमेरिकी न्यूक्लियर ट्रायड का हिस्सा

5 .Hwasong-15 (उत्तर कोरिया): रेंज: 13,000 किमी, विशेषता: संभावित परमाणु पेलोड, अमेरिका तक मार कर सकता हैं। 

6 .RS-24 Yars (रूस): रेंज: 11,000 किमी से ज्यादा, विशेषता: मोबाइल लॉन्च, मिसाइल डिफेंस को चकमा देने में सक्षम

7 .JL-3 (चीन): रेंज: 10,000–12,000 किमी, विशेषता: सबमरीन-लॉन्च, अमेरिकी पश्चिमी तट को कवर करने में सक्षम

8 .M51 (फ्रांस): रेंज: 8,000–10,000 किमी, विशेषता: फ्रांसीसी परमाणु रणनीति का आधार, यूरोपीय क्षेत्र में ताकत का प्रदर्शन

10 .Agni-V (भारत): रेंज: 7,000–8,000 किमी, स्पीड: Mach 24, विशेषता: स्वदेशी तकनीक, 3–6 MIRVs की क्षमता, अत्यधिक सटीकता (CEP <10 मीटर)

भारत की अग्नि-V: आत्मनिर्भरता और शक्ति का प्रतीक

भारत की अग्नि-V मिसाइल ने भारत को विशिष्ट ICBM क्लब का सदस्य बना दिया है। इसकी तकनीकी दक्षता और सटीकता इसे दक्षिण एशिया में सामरिक बढ़त प्रदान करती है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, भविष्य में इसमें 10-12 MIRVs जोड़ने की संभावनाएं भी हैं, जिससे यह और घातक हो सकती है।

बिहार के सरकारी स्कूलों में तीन बार बनेगी हाजिरी

पटना। बिहार में सरकारी शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए एक नई पहल की जा रही है। अब राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी बनेगी — वह भी दिन में एक नहीं, बल्कि तीन बार। यह व्यवस्था अगस्त महीने से लागू हो रही है, जिसमें बच्चों के चेहरे की स्कैनिंग के माध्यम से हाजिरी दर्ज की जाएगी। शिक्षा विभाग इस बदलाव को शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रशासनिक पारदर्शिता के बड़े कदम के रूप में देख रहा है।

क्यों ज़रूरी थी यह पहल?

पिछले वर्षों में यह देखा गया कि स्कूलों में बच्चों की भौतिक उपस्थिति और मध्याह्न भोजन योजना (MDM) में दर्शाए गए आंकड़ों में भारी अंतर होता था। अक्सर रिपोर्ट में छात्रों की संख्या अधिक दिखाई जाती थी, लेकिन निरीक्षण में वास्तविक उपस्थिति कम पाई जाती थी। इससे योजना में धांधली की आशंका भी सामने आती रही है।इस नए सिस्टम के लागू होने से अब यह संभव होगा कि जिस बच्चे ने स्कूल में सच में उपस्थिति दर्ज की है, उसी को मध्याह्न भोजन का लाभ मिले। इससे योजना में चल रही गड़बड़ियों पर स्वतः अंकुश लगने की संभावना है।

हाजिरी की प्रक्रिया कैसी होगी?

दरअसल, हर स्कूल को पहले ही जुलाई में टैबलेट उपलब्ध करा दिए गए हैं, जिनमें ई-शिक्षाकोष पोर्टल इन्स्टॉल किया गया है। अब शिक्षकों को मोबाइल फोन के बजाय इन्हीं टैबलेट का उपयोग करके छात्रों और शिक्षकों दोनों की हाजिरी दर्ज करनी होगी।

छात्रों की हाजिरी तीन बार ली जाएगी: सुबह स्कूल में प्रवेश करते समय, टिफिन/मध्याह्न भोजन के समय, स्कूल से छुट्टी के समय। हर बार हाजिरी चेहरे की स्कैनिंग के माध्यम से ली जाएगी, जिससे किसी प्रकार की अनियमितता की गुंजाइश नहीं रहेगी।

शिक्षकों के लिए भी बदलाव

अब शिक्षकों की हाजिरी भी इन्हीं टैबलेट से दर्ज की जाएगी। पहले शिक्षकों को अलग-अलग मोबाइल से स्कैनिंग करनी पड़ती थी, लेकिन अब यह कार्य ज्यादा केंद्रीकृत और सरल हो जाएगा। विभाग की ओर से शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को इस तकनीक के उपयोग के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

संभावित लाभ

शैक्षणिक अनुशासन: तीन बार हाजिरी से बच्चों की नियमितता बढ़ेगी और अनुशासन कायम होगा।

पारदर्शिता में वृद्धि: उपस्थिति का डिजिटल रिकॉर्ड होने से आंकड़ों में हेरफेर की संभावना कम होगी।

डेटा आधारित निर्णय: राज्य शिक्षा विभाग छात्रों की उपस्थिति और प्रदर्शन के आधार पर नीतिगत फैसले ले सकेगा।

मध्याह्न भोजन योजना में सुधार: केवल उपस्थित छात्रों को भोजन मिलेगा, जिससे बजट और भोजन वितरण दोनों में सुधार होगा।

चीनी J-20 की सुपरस्टेल्थ उड़ान, THAAD को बना दिया बेकार!

न्यूज डेस्क। चीन का स्टेल्थ फाइटर J-20 "माइटी ड्रैगन" एक बार फिर चर्चा में है, और इस बार वजह केवल उसकी तकनीकी क्षमता नहीं, बल्कि उसका साहसिक सैन्य प्रदर्शन है। यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अपने J-20 लड़ाकू विमानों को त्सुशिमा जलडमरूमध्य और बाशी चैनल जैसे रणनीतिक और निगरानी से भरे क्षेत्रों में उड़ाया है—जहाँ अमेरिका और उसके प्रमुख सहयोगी जापान तथा दक्षिण कोरिया की अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणालियाँ मौजूद हैं।

THAAD सिस्टम को चुनौती

त्सुशिमा और बाशी चैनल क्षेत्र अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए बेहद संवेदनशील हैं। इन इलाकों में THAAD (Terminal High Altitude Area Defense), Patriot मिसाइल सिस्टम, और अत्याधुनिक रडारों का एक घना नेटवर्क है। फिर भी, चीन का दावा है कि J-20 इन सभी प्रणालियों को चकमा देकर बिना ट्रैक हुए उड़ान भरने में सफल रहा।

अगर यह दावा सच है, तो यह न सिर्फ अमेरिकी तकनीक के लिए गंभीर चेतावनी है, बल्कि एशिया में शक्ति संतुलन को भी झकझोरने वाला कदम है। अमेरिका और उसके मित्र देशों को अब यह समझना होगा कि चीन की वायु सेना केवल संख्या के दम पर नहीं, बल्कि गुणवत्ता और रणनीति के दम पर भी आगे बढ़ रही है।

ताइवान को लेकर बढ़ती चिंताएं

इस घटनाक्रम का एक और गंभीर पहलू है—ताइवान। अगर चीन कभी ताइवान पर सैन्य कार्रवाई करता है, तो J-20 जैसे स्टेल्थ फाइटर अमेरिका और सहयोगी देशों की प्रतिक्रिया क्षमता को गंभीर रूप से बाधित कर सकते हैं। THAAD और Patriot सिस्टम की नाकामी, चीन को एक निर्णायक शुरुआती बढ़त दिला सकती है।

एशिया में शक्ति संतुलन की नई तस्वीर

J-20 की यह उड़ान एक सैन्य प्रदर्शन भर नहीं थी—यह एक संदेश था। चीन यह जताना चाहता है कि वह अब केवल एक रक्षा करने वाला देश नहीं, बल्कि रणनीतिक क्षेत्र में प्रभुत्व जमाने वाला खिलाड़ी बन चुका है। जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान जैसे देशों के लिए यह एक अलार्म है, और अमेरिका के लिए यह अपनी सैन्य योजनाओं की समीक्षा करने का समय।

रूस से दूरी! भारत ने रूस से तेल खरीदना किया बंद

नई दिल्ली। कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीदारी पर अस्थायी रोक लगा दी है। सरकारी तेल रिफाइनरी कंपनियों — इंडियन ऑयल (IOC), हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और मैंगलोर रिफाइनरी (MRPL) — ने हाल ही में रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है। यह कदम ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

रूस से दूरी की वजहें क्या हैं?

रूस से मिलने वाली तेल की भारी छूट हाल ही में घट गई है, जिससे भारतीय रिफाइनरी कंपनियों के लिए यह सौदा पहले जितना आकर्षक नहीं रहा। साथ ही, अमेरिकी दबाव ने स्थिति को और संवेदनशील बना दिया है। ट्रंप ने साफ कहा है कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों को ‘रूस समर्थक’ माना जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, भारत से आने वाले उत्पादों पर 25% टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने का फैसला भी लिया गया है, जो 1 अगस्त से लागू होगा।

नया तेल कहां से आएगा?

इन हालात में, सरकारी तेल कंपनियों ने अपने आपूर्तिकर्ता बदल दिए हैं। अब वे स्पॉट मार्केट से तेल खरीद रही हैं — यानी वह बाज़ार जहां तत्काल डिलीवरी के लिए सौदे किए जाते हैं। वर्तमान में भारत की नजर अबू धाबी से मुरबान क्रूड और पश्चिम अफ्रीकी देशों की ओर है। यह तेल अपेक्षाकृत महंगा है, लेकिन राजनीतिक रूप से कम संवेदनशील।

निजी कंपनियों का क्या रुख है?

रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और नायरा एनर्जी जैसी निजी रिफाइनरी कंपनियां अभी भी रूस से तेल खरीद रही हैं, लेकिन यह भी साफ है कि अगर अमेरिका का दबाव बढ़ा, तो उनके विकल्प भी सीमित हो सकते हैं। हालांकि, भारत में सरकारी रिफाइनरियों के पास कुल रिफाइनिंग क्षमता का 60% से ज्यादा नियंत्रण है, इसलिए उनकी नीति बाजार की दिशा तय करती है।

आर्थिक असर: मुनाफा घटेगा, लागत बढ़ेगी

एक वरिष्ठ तेल रिफाइनरी अधिकारी के मुताबिक, यह फैसला पूर्वानुमानित तो था, लेकिन इसका असर गहरा होगा। रूस से मिलने वाला तेल सस्ता था, जिससे रिफाइनरियों को लागत कम और मुनाफा ज़्यादा मिलता था। अब मध्य पूर्व और अफ्रीकी देशों से तेल महंगे दामों पर खरीदना पड़ेगा, जिससे न केवल कंपनियों की कमाई घटेगी, बल्कि घरेलू ईंधन की कीमतों पर भी असर पड़ सकता है।

यूपी में इन शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई, मचा हड़कंप

न्यूज डेस्क। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में बेसिक शिक्षा विभाग इन दिनों गंभीर संकट से गुजर रहा है। शिक्षक बनने की चाह में कई लोग न केवल नियमों को ताक पर रख रहे हैं, बल्कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्षों तक नौकरी कर सरकार और समाज दोनों को धोखा दे रहे हैं। हाल ही में हुई कार्रवाई में आधा दर्जन और फर्जी शिक्षक पकड़े गए, जिससे जिले में पकड़े गए ऐसे शिक्षकों की कुल संख्या अब 72 हो गई है। यह संख्या शिक्षा व्यवस्था पर एक गहरा सवालिया निशान छोड़ती है।

फर्जी टीईटी और शैक्षिक प्रमाणपत्र

जांच में सामने आया है कि कई व्यक्तियों ने टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) और शैक्षिक अर्हता से जुड़े प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल की। इनमें कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं जो वर्ष 2010 से लगातार नौकरी कर रहे थे। यह स्पष्ट करता है कि यह कोई अचानक हुआ मामला नहीं, बल्कि लंबे समय से चल रही एक संगठित साजिश है, जो शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गहरी चोट करती है।

कार्रवाई की शुरुआत और बढ़ता दबाव

बीएसए अजय कुमार के नेतृत्व में जब जांच तेज की गई तो एक के बाद एक फर्जी शिक्षक सामने आने लगे। जून 2025 में जमुनहा और हरिहरपुररानी क्षेत्रों से 13 फर्जी शिक्षक पकड़े गए थे। अब जुलाई में 6 और को बर्खास्त कर दिया गया। इनके खिलाफ संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और कई को जेल भी भेजा जा चुका है। पुलिस अब भी 54 फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है।

कहां चूक गया सिस्टम?

सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति में विभागीय सत्यापन प्रणाली पूरी तरह विफल रही। काउंसलिंग और दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रियाओं के बावजूद ऐसे जालसाज सरकारी नौकरी पाने में सफल हो गए। यह या तो घोर लापरवाही का मामला है या फिर अंदरूनी मिलीभगत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

शिकायत के बाद ही कार्रवाई

ज्यादातर मामलों में कार्रवाई तब शुरू हुई जब किसी ने शिकायत की। यह व्यवस्था की निष्क्रियता को दर्शाता है। यदि विभाग समय रहते स्वतः संज्ञान लेकर जांच करता, तो आज जिले में ऐसे मामलों की संख्या शायद इतनी अधिक न होती। हालांकि विभाग द्वारा की जा रही कड़ी कार्रवाई से हड़कंप मच गया हैं।