भारत की GDP ग्रोथ 7.8%, अमेरिका समेत दुनिया हैरान!

नई दिल्ली। भारत ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.8% की शानदार GDP वृद्धि दर्ज कर एक बार फिर विश्व के आर्थिक मानचित्र पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। यह पांच तिमाहियों में सबसे तेज़ वृद्धि है, जिसने न केवल घरेलू बल्कि वैश्विक बाजारों में भी भारत की स्थिति को मजबूत किया है। इस विकास दर ने कई अर्थशास्त्रियों के अनुमान को पीछे छोड़ दिया और अमेरिका सहित कई बड़े देशों को भी चौंका दिया है।

अनुमान से ऊपर रहा प्रदर्शन

आर्थिक विशेषज्ञों और संस्थाओं ने इस तिमाही में भारत की GDP वृद्धि दर लगभग 6.3% से 7% के बीच रहने का अनुमान लगाया था, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे 6.5% आंका था। ऐसे में 7.8% की वृद्धि ने उम्मीदों को पार करते हुए भारत की आर्थिक मजबूती को उजागर किया है। पिछली तिमाही में GDP वृद्धि दर 6.7% थी, जो कि पिछले 15 महीनों में सबसे कम थी। इस तेजी ने संकेत दिया है कि भारत की अर्थव्यवस्था अब पुनः गति पकड़ रही है।

सरकार के खर्च ने दी रफ्तार

केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में 52% की उल्लेखनीय बढ़ोतरी ने आर्थिक विकास को नया इम्पल्स दिया है। सार्वजनिक निवेश में यह वृद्धि बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं को गति देने में सहायक साबित हुई है, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।

आर्थिक विशेषज्ञों की राय

केयरएज रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि GDP वृद्धि को मजबूत सार्वजनिक खर्च, ग्रामीण मांग में सुधार और सेवा क्षेत्र की लचीलापन का समर्थन मिला है। यह संकेत है कि भारत की आर्थिक वृद्धि विविध आधारों पर टिकाऊ और स्थायी हो सकती है।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य और चुनौतियाँ

विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की वृद्धि दर को 6.3% और 6.4% रहने का अनुमान लगाया है, जो आर्थिक सुधार की संभावनाओं के बीच वैश्विक जोखिमों को भी दर्शाता है। दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितताएं और व्यापार बाधाएं बनी हुई हैं, जो भविष्य की चुनौतियों की ओर इशारा करती हैं।

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