1. अमेरिका: टेक्नोलॉजिकल सुपरपावर
अमेरिका दशकों से रक्षा तकनीक में अग्रणी रहा है। स्टेल्थ फाइटर जेट्स (F-22 Raptor, F-35), परमाणु पनडुब्बियां, लेजर हथियार, साइबर डिफेंस सिस्टम, एंटी सैटेलाइट मिसाइल और AI आधारित युद्ध प्रणालियों के क्षेत्र में इसकी पकड़ सबसे मजबूत है। अमेरिका का रक्षा बजट दुनिया में सबसे ज्यादा है, जिससे वह हर साल अत्याधुनिक हथियार विकसित करता रहता है।
2. रूस: घातक और पारंपरिक ताकत का मिश्रण
रूस पारंपरिक सैन्य ताकत के साथ-साथ हाईटेक हथियारों के क्षेत्र में भी बहुत आगे है। उसकी हाइपरसोनिक मिसाइल "Avangard" और "Kinzhal" ने पश्चिमी देशों की नींद उड़ा दी है। इसके अलावा, रूस की इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर तकनीक और उन्नत टैंक प्रणाली इसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति बनाती है।
3. चीन (China): तेजी से उभरती सैन्य तकनीकी शक्ति
चीन ने पिछले दो दशकों में हथियारों के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है। उसका फोकस AI आधारित ड्रोन, साइबर युद्ध प्रणाली, क्वांटम रडार, लेजर हथियार और हाइपरसोनिक मिसाइलों पर है। चीन की सेना PLA ने "मेड इन चाइना 2025" के तहत आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम उठाया है।
4. इज़राइल (Israel): छोटा देश, लेकिन जबरदस्त ताकत
आकार में छोटा होने के बावजूद इज़राइल का रक्षा अनुसंधान विश्व स्तरीय है। उसकी "आयरन डोम" मिसाइल डिफेंस सिस्टम, हाइटेक ड्रोन तकनीक, लेजर हथियार और साइबर इंटेलिजेंस पूरी दुनिया में मानी जाती है। इज़राइल ने AI आधारित सर्विलांस और स्पेशल फोर्स हथियारों को एक नई ऊंचाई दी है।
5. भारत (India): दुनिया में तेजी से उभरती हुई बड़ी ताकत
भारत भी अब हाईटेक हथियारों की दौड़ में पीछे नहीं है। DRDO जैसी संस्थाएं रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रही हैं। ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, अग्नि श्रृंखला की बैलिस्टिक मिसाइलें, तेजस लड़ाकू विमान और हाल ही में विकसित किए गए ड्रोन और रोबोटिक सिस्टम भारत की ताकत को दर्शाते हैं। लेजर और हाइपरसोनिक तकनीक भारत को ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रही है।
0 comments:
Post a Comment