भारत को रूस देगा बमवर्षक, अमेरिका को टेंशन!

नई दिल्ली। रूस ने भारतीय वायुसेना को अपने अत्याधुनिक बॉम्बर विमान TU-160M देने की पेशकश की हैं। यह विमान भारतीय सेना के लिए सिर्फ एक नए विमान की तरह नहीं है, बल्कि इसके आने से भारत की हवाई ताकत में एक गंभीर बदलाव हो सकता है। इसे लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह विमान भारत को एक नई सामरिक क्षमता देगा, जो न केवल चीन और पाकिस्तान जैसे देशों से मुकाबला करने में सहायक होगी, बल्कि इसे परमाणु और पारंपरिक हमलों की नितांत जरूरतों को भी पूरा करने का अवसर मिलेगा।

TU-160M का परिचय:

रूस के इस सुपरसोनिक बमवर्षक विमान को "व्हाइट स्वान" के नाम से जाना जाता है, जबकि नाटो इसे "ब्लैकजैक" के नाम से संबोधित करता है। इस विमान की तकनीकी विशेषताएँ और उड़ान क्षमता इसे पूरी दुनिया में अनूठा बनाती हैं।

TU-160M बिना रिफ्यूलिंग के लगभग 12,000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। वहीं इस विमान की टॉप स्पीड 2,200 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो आवाज की गति से लगभग दो गुना अधिक है। TU-160M में 40 टन तक का पेलोड ले जाने की क्षमता है। इसमें पारंपरिक बमों के अलावा परमाणु हथियार भी शामिल हो सकते हैं।

भारत के लिए क्यों है यह महत्वपूर्ण?

1 .लंबी दूरी तक हमला करने की क्षमता: भारत के पास फिलहाल कोई समर्पित रणनीतिक बमवर्षक विमान नहीं है। अधिकांश लड़ाकू विमानों पर ही लंबी दूरी के हमले की जिम्मेदारी रहती है। TU-160M का जुड़ना भारतीय वायुसेना को एक नई ताकत देगा, जिससे भारत की हवाई हमलावर क्षमता में गुणात्मक वृद्धि होगी।

2 .मनौवैज्ञानिक दबाव: यह विमान भारत के परमाणु आक्रामक क्षमता को और भी प्रभावी बना सकता है, खासकर पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के खिलाफ। यह उन देशों के लिए मानसिक दबाव का कारण बनेगा, जो भारतीय सीमाओं के पास अपनी सैन्य ताकत को लगातार बढ़ा रहे हैं।

3 .मिशन की विविधता: TU-160M को 'ब्रह्मोस' जैसी शक्तिशाली मिसाइलों से जोड़ने का विचार भी महत्वपूर्ण है। यह न केवल पारंपरिक हमले करने में सक्षम होगा, बल्कि भारतीय सेना को परमाणु हमलों की ताकत भी देगा। यह विमान भारत को एक मजबूत, स्थिर और लचीला सामरिक साधन प्रदान करेगा।

4 .संरचनात्मक बदलाव: भारतीय वायुसेना की संरचना में इस बॉम्बर के जुड़ने से भारतीय सामरिक ताकत में भी बदलाव आएगा। यह बमवर्षक विमान हवाई युद्ध की आधुनिक परिभाषा को एक नया मोड़ देगा, जिसमें लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता और रडार से बचने की तकनीकी विशेषताएँ शामिल होंगी।

रूस और भारत के रिश्तों में और मजबूती

रूस का भारत को TU-160M की पेशकश एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दोनों देशों के रक्षा संबंधों को और प्रगाढ़ करेगा। भारत और रूस के बीच लंबे समय से सामरिक और रक्षा सहयोग का इतिहास रहा है, और यह सौदा इस साझेदारी को और भी मजबूत करेगा।

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