इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करना है, जहां शहरीकरण की संभावनाएं पहले से दिखने लगी हैं। यूएसडीए के सचिव शुभम सिंह के अनुसार, इस व्यापक विस्तार की रूपरेखा तैयार कर ली गई है और अब रिपोर्ट को शासन को सौंपने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
मौके पर किया गया सर्वेक्षण
फरवरी 2025 में आवास विभाग की ओर से क्षेत्रीय नगरीय एवं पर्यावरण अध्ययन केंद्र (RCUES) के माध्यम से एटीपी (असिस्टेंट टाउन प्लानर) द्वारा जिले का स्थलीय सर्वेक्षण किया गया। इस दौरान सदर क्षेत्र के 44 गांव, सफीपुर तहसील के लगभग 10 गांव और पुरवा तहसील के कुछ गांवों का निरीक्षण किया गया। इनमें से अधिकांश गांवों को विस्तार योजना में शामिल किया जाना तय है।
पुरवा तहसील और एससीआर का संबंध
गौरतलब है कि पुरवा तहसील की सीमाएं मोहनलालगंज क्षेत्र से जुड़ती हैं, जो पहले से ही स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) का हिस्सा है। इसी कारण, पुरवा को भी स्वतः इस क्षेत्र में शामिल करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। फिलहाल, यहां के कुछ गांवों पर विस्तार के लिए विचार किया जा रहा है।
क्या बदलेगा गांवों में?
इन गांवों में शामिल होने के बाद: बेहतर सड़क, नाली और जल निकासी व्यवस्था, डिजिटल कनेक्टिविटी और स्मार्ट ग्रिड सिस्टम, नियोजित भवन और कॉलोनियों का निर्माण, हरित क्षेत्र और सार्वजनिक सुविधाओं का विकास जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी। इससे गांवों में रहने वाले लोगों को शहर जैसी मूलभूत सुविधाएं मिल सकेंगी और स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
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