सऊदी अरब में अमेरिकी 'THAAD' सिस्टम तैनात!

न्यूज डेस्क। मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के बीच सऊदी अरब ने अपनी वायु सुरक्षा को अभूतपूर्व मजबूती दी है। हाल ही में अमेरिकी निर्मित उन्नत मिसाइल रोधी प्रणाली THAAD (Terminal High Altitude Area Defense) को पहली बार सऊदी अरब में तैनात किया गया है। यह न केवल सऊदी सैन्य क्षमताओं में तकनीकी छलांग है, बल्कि अमेरिका-सऊदी रक्षा साझेदारी के एक नए चरण की शुरुआत भी है।

THAAD की तैनाती क्यों है महत्वपूर्ण?

THAAD प्रणाली को अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने विकसित किया है। यह सिस्टम विशेष रूप से बैलिस्टिक मिसाइलों के अंतिम उड़ान चरण में उन्हें नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी सबसे बड़ी ताकत इसकी "हिट-टू-किल" तकनीक है, जो दुश्मन की मिसाइल को टकराकर नष्ट करती है, न कि उसे किसी विस्फोट से गिराती है। इसका अर्थ है अधिक सटीकता, कम कोलैटरल डैमेज और बेहतर नतीजे।

सऊदी अरब की तैयारी और रणनीति

सऊदी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, THAAD सिस्टम संचालित करने के लिए सऊदी सेना की एक यूनिट को अमेरिका के फोर्ट ब्लिस बेस में प्रशिक्षण दिया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सऊदी केवल आयातक बनकर नहीं रहना चाहता, बल्कि उन्नत हथियार प्रणालियों का स्वतंत्र ऑपरेटर बनना चाहता है।

आपको बता दें की इससे पहले सऊदी अरब में पैट्रियट PAC-3 मिसाइल सिस्टम पहले से मौजूद था, जो कम ऊँचाई पर हमलों से सुरक्षा देता है। THAAD के आ जाने से अब सऊदी की वायु रक्षा प्रणाली बहु-स्तरीय और अधिक प्रभावी बन गई है।

ईरान और क्षेत्रीय संदर्भ

THAAD की तैनाती ऐसे समय हुई है जब ईरान और इज़राइल के बीच तनाव लगातार गहराता जा रहा है। साथ ही, ईरान के मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रमों में आई तेजी ने सऊदी के लिए सुरक्षा चुनौतियाँ बढ़ा दी हैं। 2019 में सऊदी की तेल सुविधाओं पर हुए ड्रोन हमलों ने वायु सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर किया था। THAAD की मौजूदगी अब ऐसे हमलों के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकती है।

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