Nag Mark-2: भारत की स्वदेशी ताकत से दुनिया हैरान!

नई दिल्ली। भारत अपनी रक्षा तकनीक में लगातार प्रगति कर रहा है और इसी दिशा में विकसित की गई नाग मार्क-2 मिसाइल भारतीय सेना की ताकत को कई गुना बढ़ा रही है। यह मिसाइल एक तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) है, जिसे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। नाग मार्क-2 भारत की रक्षा क्षमताओं को नया आयाम देने वाली एक महत्वपूर्ण मिसाइल है, जो दुश्मनों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है।

नाग मार्क-2 की खासियतें और तकनीक

1 .NAMICA से लॉन्च: इस मिसाइल को NAMICA (नाग मिसाइल कैरियर) नामक विशेष टैंक रोधी वाहन से लॉन्च किया जाता है। NAMICA एक मोबाइल लॉन्चर है जो मिसाइलों को सुरक्षित और तेज़ी से फायर करने की सुविधा देता है, जिससे सेना की प्रतिक्रिया क्षमता और भी बढ़ जाती है।

2 .इन्फ्रारेड गाइडेंस सिस्टम: इस मिसाइल में अत्याधुनिक इंफ़्रारेड गाइडेंस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह तकनीक लॉन्च से पहले लक्ष्य को ठीक से लॉक करने में मदद करती है, जिससे लक्ष्य को भेदने की संभावना बढ़ जाती है। यह तकनीक दुश्मन के आधुनिक बख्तरबंद वाहनों के खिलाफ अत्यंत प्रभावी है।

3 .फायर-एंड-फॉरगेट तकनीक: नाग मार्क-2 मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत इसका "फायर-एंड-फॉरगेट" तकनीक से लैस होना है। इसका मतलब है कि एक बार मिसाइल लॉन्च हो जाने के बाद ऑपरेटर को लक्ष्य पर और मार्गदर्शन देने की जरूरत नहीं होती। मिसाइल स्वचालित रूप से लक्ष्य को लॉक कर उसे भेदने के लिए अपने रास्ते पर आगे बढ़ती है। इससे लड़ाकू पैंतरे और युद्धक्षमता दोनों बढ़ जाती हैं।

4 .सभी मौसमों में काम करने की क्षमता: यह मिसाइल किसी भी प्रकार के मौसम में काम करने में सक्षम है। चाहे घना कोहरा हो, बारिश हो या धूप नाग मार्क-2 हर परिस्थिति में अपना लक्ष्य सटीकता से भेद सकती है। इससे यह युद्ध के कठिनतम हालात में भी प्रभावी साबित होती है।

5 .आधुनिक बख्तरबंद वाहनों के खिलाफ प्रभावी: नाग मार्क-2 को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह आधुनिक विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच (Explosive Reactive Armour) वाले टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को भी नष्ट कर सकती है। यह इसे युद्ध के मैदान में एक महत्वपूर्ण हथियार बनाती है।

नाग मार्क-2 का रणनीतिक महत्व

भारत की रक्षा रणनीति में नाग मार्क-2 मिसाइल की अहम भूमिका है। यह मिसाइल भारत की टैंक-रोधी युद्धक क्षमता को मजबूती प्रदान करती है, खासकर चीन और पाकिस्तान के साथ लगे संवेदनशील सीमावर्ती इलाक़ों में। ऐसे क्षेत्रों में जहां दुश्मन के बख्तरबंद टैंकों और वाहनों का खतरा अधिक होता है, नाग मार्क-2 भारतीय सेना के लिए एक शक्तिशाली निवारक के रूप में काम करती है।

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