विमुक्त जातियों को मिलेगा नया बोर्ड और आवासीय सुविधा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एक विशेष बोर्ड का गठन करेगी, जो घुमंतू और विमुक्त जातियों के विकास और अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य करेगा। यह बोर्ड इन जातियों की जरूरतों को समझकर शिक्षा, आवास, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर योजनाएं बनाएगा। साथ ही, कॉलोनी और मकान उपलब्ध कराने की योजना पर भी तेजी से काम किया जाएगा, जिससे ये समुदाय स्थायी निवास और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
शिक्षा और सामाजिक समावेश की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय जैसे विशेष शिक्षण संस्थान चलाए जा रहे हैं, जहाँ विमुक्त जातियों के बच्चों को मुफ्त आवास, भोजन और यूनिफॉर्म जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। साथ ही, राज्य के 264 अनुसूचित जाति छात्रावासों में भी इन समुदायों के बच्चों के लिए आरक्षित सुविधाएं उपलब्ध हैं।
वोटिंग अधिकार और जमीन के पट्टे
घुमंतू जातियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उन्हें मतदान का अधिकार और भूमि के पट्टे भी दिए जाएंगे। यह उन जातियों के लिए ऐतिहासिक कदम है जो आज तक स्थायी निवास और राजनीतिक अधिकारों से वंचित थीं।
वनटांगिया और अन्य पिछड़ी जातियों के उदाहरण
मुख्यमंत्री ने वनटांगिया समाज का उल्लेख करते हुए बताया कि उनकी सरकार ने उन्हें राजस्व गांव का दर्जा दिलाया, जिससे उन्हें मताधिकार, घर, स्कूल और अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधाएं मिलीं। इसी तरह, मुसहर, थारू, गौड़, चेरो, कोल और सहरिया जैसी जातियों को भी योजनाओं के माध्यम से सशक्त किया गया है। अब यही मॉडल घुमंतू जातियों पर भी लागू किया जाएगा।
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