आर्थिक विकास की रफ्तार में बड़ा उछाल
देश की अर्थव्यवस्था हाल के वर्षों में लगातार मजबूत हो रही है। वैश्विक मंदी, भू-राजनीतिक तनाव और आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं के बावजूद भारत ने अपनी विकास की रफ्तार को बनाए रखा है। 7.80% की तिमाही वृद्धि दर यह दर्शाती है कि भारत अब न केवल विकासशील देशों में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी आर्थिक नेतृत्व करने की स्थिति में पहुंच चुका है।
RBI गवर्नर का भरोसा -तीसरा स्थान अब दूर नहीं
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, "आज दुनिया के (सबसे) विकसित देशों में भारत की गिनती पांचवें नंबर पर हो रही है। बहुत जल्द ही भारत (इस सूची में) तीसरा (सबसे) बड़ा देश बनने वाला है।" इसका सीधा अर्थ है कि भारत जल्द ही जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका और चीन के बाद तीसरे नंबर की वैश्विक अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती ताकत
भारत की यह आर्थिक छलांग केवल GDP के आंकड़ों तक सीमित नहीं है। यह देश की वैश्विक स्थिति, निवेश क्षमता, तकनीकी प्रगति, और युवा कार्यबल की सामर्थ्य को भी दर्शाती है। टेक्नोलॉजी, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इकोसिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में भारत ने विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
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