राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 2.88 करोड़ से अधिक किसानों की पहचान सुनिश्चित करते हुए उनकी रजिस्ट्री तैयार की जाए। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि किसान से जुड़ी सभी सरकारी योजनाएं विशेषकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ सही और पात्र किसानों को मिल सके।
ई-खसरा और रजिस्ट्री एक साथ
उत्तर प्रदेश में अब खेतों की ई-खसरा जांच और किसानों की डिजिटल रजिस्ट्री साथ-साथ की जाएगी। इससे प्रशासन को यह सुनिश्चित करने में आसानी होगी कि जिन किसानों के नाम पर जमीन है, उन्हीं को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिले।
डीएम होंगे निगरानी प्रभारी
इस कार्य को प्रभावी बनाने के लिए हर जिले के जिलाधिकारी (DM) को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जबकि मुख्य विकास अधिकारी (CDO) को परियोजना अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। फार्मर रजिस्ट्री को लेकर प्रचार-प्रसार और निगरानी का काम सीधे जिलाधिकारी के अंतर्गत रहेगा।
पीएम किसान योजना से जोड़ा गया लक्ष्य
फार्मर रजिस्ट्री का कार्य पीएम किसान योजना की आगामी किस्त से पहले पूरा किया जाना अनिवार्य किया गया है। इस योजना के तहत किसानों को सालाना ₹6,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो सीधे उनके बैंक खाते में जाती है। सरकार चाहती है कि रजिस्ट्री के बिना कोई भी किसान योजना से वंचित न रह जाए।
सरकार का राज्य के किसानों से क्या अपेक्षा?
सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे अपने खेतों के दस्तावेज, आधार कार्ड और बैंक डिटेल्स लेकर नजदीकी लेखपाल या कृषि विभाग कार्यालय में संपर्क करें और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को जल्द पूरा कराएं। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय तक लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता है, तो ई-खसरा पड़ताल समाप्त होने के बाद भी फार्मर रजिस्ट्री अभियान जारी रहेगा। यानी इस बार अधूरा कार्य स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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