क्या होता है 'फिटमेंट फैक्टर'?
वेतन आयोग की सिफारिशों में सबसे अहम भूमिका फिटमेंट फैक्टर की होती है। यह एक ऐसा गुणांक (Multiplier) होता है, जिससे मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई बेसिक सैलरी तय की जाती है। उदाहरण के तौर पर, 7वें वेतन आयोग में यह फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके चलते न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गया था।
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर?
हालांकि अभी तक 8वें वेतन आयोग की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार फिटमेंट फैक्टर 1.92 से लेकर 2.86 तक हो सकता है। इन अनुमानों में 1.92 को सबसे व्यावहारिक माना जा रहा है, क्योंकि यह पिछले आयोगों की तुलना में एक संतुलित वृद्धि दर्शाता है।
₹35,400 बेसिक पे वालों की नई सैलरी?
7वें वेतन आयोग में यदि बेसिक सैलरी ₹35,400 है तो अनुमानित (8वां वेतन आयोग - 1.92 फैक्टर) में ₹67,968 होगी। डीए, एचआरए आदि मिलाकर कुल वेतन ₹1,20,000 तक (अनुमानित) हो सकती हैं। ध्यान दें कि यह केवल अनुमानित आंकड़े हैं, वास्तविक सैलरी में भत्तों की दर, पोस्टिंग लोकेशन, और अन्य कारकों के अनुसार बदलाव संभव है।
सरकार की तरफ से अब तक क्या संकेत?
वित्त मंत्रालय की ओर से अभी तक 8वें वेतन आयोग पर कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन कर्मचारी संगठनों की लगातार मांग और महंगाई में वृद्धि को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि 2026 तक इसे लागू किया जा सकता है। यह भी संभव है कि आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए सरकार इस दिशा में जल्द कोई संकेत दे।
0 comments:
Post a Comment