भारत के 'विदेशी मुद्रा भंडार' में वृद्धि, अमेरिका सन्न!

नई दिल्ली। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में ज़बरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो देश की आर्थिक स्थिति और वैश्विक बाजार में उसकी स्थिरता को दर्शाता है। 8 अगस्त 2025 को समाप्त सप्ताह में यह भंडार 4.747 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 693.618 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। यह आँकड़ा पिछले वर्ष सितंबर 2024 में छुए गए सर्वकालिक उच्च स्तर 704.89 अरब डॉलर के बेहद करीब है।

विदेशी मुद्रा भंडार क्यों है महत्वपूर्ण?

विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के लिए आर्थिक सुरक्षा कवच की तरह होता है। यह भंडार उस मुद्रा में होता है जो वैश्विक रूप से स्वीकार्य है जैसे अमेरिकी डॉलर, यूरो, जापानी येन, और पाउंड स्टर्लिंग। इसका इस्तेमाल देश के केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), द्वारा विदेशी भुगतान, आयात जरूरतें, मुद्रा की स्थिरता बनाए रखने, और वैश्विक आर्थिक झटकों से निपटने के लिए किया जाता है।

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि के कारण

निर्यात और निवेश में वृद्धि: भारत की सेवा और तकनीकी क्षेत्रों में निर्यात लगातार बढ़ रहा है। साथ ही, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में भी मजबूती आई है।

डॉलर खरीद की रणनीति: आरबीआई जब रुपये के मुकाबले डॉलर की कीमत कम होती है, तो वह डॉलर खरीदता है और भंडार बढ़ाता है। यह दीर्घकालीन रणनीति भारत की मुद्रा नीति का अहम हिस्सा है।

स्वर्ण भंडार में इजाफा: वर्तमान में भारत का स्वर्ण भंडार 86.160 अरब डॉलर तक पहुँच गया है, जो समग्र विदेशी मुद्रा भंडार में स्थिरता का एक और स्तंभ है।

आरबीआई का रुख

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के अनुसार, मौजूदा भंडार भारत के लगभग 11 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है। यह आत्मनिर्भरता भारत को वैश्विक बाजार में अधिक आत्मविश्वास और लचीलापन देती है। इसका सीधा मतलब है कि यदि अचानक वैश्विक संकट या व्यापार में गिरावट आती है, तब भी भारत अपनी आवश्यक विदेशी जरूरतों को पूरा कर सकता है।

पिछले वर्षों का ट्रेंड

2022: वैश्विक अस्थिरता के चलते भंडार में 71 अरब डॉलर की गिरावट हुई थी।

2023: स्थिरता लौटने के साथ 58 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखी गई।

2024: कुल 20 अरब डॉलर से थोड़ी अधिक वृद्धि दर्ज की गई।

2025 (अब तक): अब तक लगभग 53 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हो चुकी है, जो यह दर्शाता है कि यह वर्ष आर्थिक दृष्टि से आशाजनक है।

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