बिहार चुनाव से पहले सीएम नीतीश का बड़ा ऐलान

पटना। बिहार की सियासत एक बार फिर गर्म होती नजर आ रही है, और इस बार चुनावी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा ऐलान कर राजनीतिक समीकरणों को नई दिशा देने की कोशिश की है। उन्होंने घोषणा की है कि आगामी पाँच वर्षों में बिहार सरकार 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी। यह कदम न केवल राज्य के युवाओं के लिए उम्मीद की किरण है, बल्कि एक स्पष्ट संकेत भी है कि सरकार रोजगार और आर्थिक विकास को अपनी प्राथमिकता बना रही है।

50 लाख रोजगार का दावा और अब नया लक्ष्य

नीतीश कुमार ने अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर बताया कि 2020 में “सात निश्चय-2” के तहत जो वादा किया गया था 50 लाख सरकारी नौकरियों और रोजगार का वह लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। अब उनकी सरकार ने इसे दोगुना कर 1 करोड़ रोजगार का नया लक्ष्य तय किया है। इस घोषणा से साफ है कि जदयू सरकार युवाओं को केंद्र में रखकर अगला चुनाव लड़ना चाहती है।

उद्योगों को बढ़ावा देने की रणनीति

रोजगार सृजन की इस योजना को ज़मीनी हकीकत देने के लिए नीतीश सरकार ने उद्योग क्षेत्र को केंद्र में रखते हुए कई नई नीतियों की घोषणा की है। इसमें सबसे अहम है विशेष आर्थिक पैकेज, जिसके तहत निजी क्षेत्र को बिहार में निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा।

प्रमुख घोषणाएं:

कैपिटल सब्सिडी और ब्याज सब्सिडी को दोगुना किया जाएगा। GST प्रोत्साहन राशि में भी इजाफा किया जाएगा। सभी जिलों में उद्योग लगाने के लिए सरकार ज़मीन उपलब्ध कराएगी। ज्यादा रोजगार देने वाले उद्योगों को मुफ्त ज़मीन दी जाएगी। उद्योगों के लिए आवंटित भूमि से जुड़े सभी विवादों को शीघ्र समाप्त किया जाएगा।

सरकार का कहना है कि इन सभी सुविधाओं को अगले 6 महीने के भीतर लागू किया जाएगा, जिससे राज्य में उद्यमिता और निवेश को नया बल मिलेगा। यह घोषणा केवल एक आर्थिक नीति भर नहीं है इसके व्यापक राजनीतिक निहितार्थ हैं। 

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