प्रत्येक शिविर में 10 टेबल और 10 विशेष सर्वेक्षण अमीन तैनात किए जाएंगे। ये अमीन लैपटॉप और इंटरनेट डोंगल से लैस होंगे और मौके पर ही लोगों के आवेदन की डिजिटल एंट्री करेंगे। आवेदन में रैयत का नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर और विषयवस्तु जैसी संक्षिप्त जानकारी ली जाएगी।
मोबाइल नंबर से होगा ऑनलाइन निबंधन
अधिकारियों के मुताबिक, आवेदन में मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से लिया जाएगा ताकि आवेदन का ऑनलाइन निबंधन तुरंत किया जा सके और भविष्य में उसकी ट्रैकिंग भी संभव हो। परिमार्जन से जुड़े आवेदन परिमार्जन प्लस पोर्टल और नामांतरण/बंटवारे के मामले म्यूटेशन प्लस पोर्टल पर प्रोसेस किए जाएंगे। शिविरों में प्रारंभिक जानकारी दर्ज होने के बाद बाकी प्रक्रिया महाभियान की अवधि में या उसके तुरंत बाद केंद्रीकृत रूप से पूरी की जाएगी।
शिविर प्रभारी होंगे राजस्व कर्मचारी
प्रत्येक शिविर की निगरानी संबंधित क्षेत्र के राजस्व कर्मचारी करेंगे। वे प्रतिदिन प्राप्त आवेदनों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करेंगे। वहीं, जिले के अपर समाहर्ता शाम 6 बजे तक सभी शिविरों की समेकित रिपोर्ट राजस्व मुख्यालय को भेजेंगे।
फॉर्म, पंजी और पंफलेट भी होंगे उपलब्ध
शिविरों में आने वाले लोगों के लिए अतिरिक्त आवेदन पत्र, जमाबंदी पंजी की प्रतियां और आवश्यक जानकारी से भरे पंफलेट भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
तकनीकी व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के निर्देश
राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी अंचलों को निर्देश दिया है कि शिविरों में तकनीकी व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त रखी जाए। उन्होंने कहा कि यह अभियान जमीन मालिकों को राहत देने का एक महत्वपूर्ण कदम है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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