राजस्व सुधार की दिशा में बड़ा कदम
महाभियान का मकसद जमीन से जुड़े मामलों को तेज़ी से और पारदर्शी तरीके से निपटाना है। इस दौरान हर शिविर में 10 टेबल और 10 विशेष सर्वेक्षण अमीन तैनात रहेंगे, जो लैपटॉप और इंटरनेट डोंगल से लैस होंगे। ये अमीन मौके पर ही आवेदकों की जरूरी जानकारी जैसे नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर और आवेदन का विषय दर्ज करेंगे।
तकनीकी व्यवस्था रहेगी सुदृढ़
राज्य के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने सभी अंचलों को निर्देशित किया है कि शिविरों में तकनीकी व्यवस्थाएं पूरी तरह दुरुस्त रखी जाएं। प्रत्येक शिविर का जिम्मा एक राजस्व कर्मचारी को सौंपा गया है, जो प्रतिदिन के प्राप्त आवेदनों को पोर्टल पर अपलोड करेगा।
ऑनलाइन पोर्टल से जुड़े समाधान
महाभियान के तहत नाम सुधार या अन्य त्रुटियों से जुड़े आवेदन परिमार्जन प्लस पोर्टल पर निपटाए जाएंगे। नामांतरण (mutation) या भूमि विभाजन से जुड़े मामले म्यूटेशन प्लस पोर्टल के माध्यम से हल होंगे। शिविर में दर्ज होने के बाद यदि कोई मामला तकनीकी रूप से जटिल पाया जाता है, तो उसे केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से आगे बढ़ाया जाएगा।
रिपोर्टिंग होगी सख्त निगरानी में
हर जिले के अपर संचालक को शाम 6 बजे तक की रिपोर्ट राजस्व मुख्यालय को ऑनलाइन भेजनी होगी। शिविरों में अतिरिक्त आवेदन फॉर्म, जमाबंदी पंजी और सूचना पम्फलेट की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है।
कागजी आवेदन भी होंगे व्यवस्थित
शिविरों में जो आवेदन कागज पर जमा होंगे, उन्हें सही क्रम में बंडल बनाकर, संबंधित तिथि और शिविर का नाम अंकित कर शिविर प्रभारी को सौंपा जाएगा। राज्य सरकार की इस पहल से रैयतों, किसानों और ज़मीन के मालिकों को अपने हक की लड़ाई लड़ने में आसानी होगी। इस बार सरकारी तंत्र गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याएं सुनेगा और मौके पर समाधान की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
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