1. अश्वगंधा: शरीर और मस्तिष्क दोनों को दे ताकत
आयुर्वेद में अश्वगंधा को एक शक्तिशाली रसायन माना गया है। यह न केवल मांसपेशियों को मजबूत करता है, बल्कि तंत्रिका तंत्र की कमजोरी को भी दूर करता है। यह मानसिक तनाव को कम करके नसों को शांत करता है और ऊर्जा बढ़ाता है।
कैसे लें: दिन में एक बार गर्म दूध के साथ एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण लेना फायदेमंद रहता है।
2. भीगे हुए बादाम: विटामिन E का भंडार
बादाम में भरपूर मात्रा में विटामिन E, मैग्नीशियम और हेल्दी फैट्स होते हैं जो तंत्रिका तंत्र को पोषण देते हैं। यह नसों की सूजन को कम करने और उन्हें फिर से सक्रिय करने में मदद करता है। इससे नसों का ढीलापन भी दूर हो जाता हैं।
कैसे लें: रातभर 4-5 बादाम पानी में भिगो दें और सुबह छीलकर खाली पेट खाएं।
3 .हल्दी वाला दूध: सूजन और दर्द से राहत का रामबाण
हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है, जो एक प्राकृतिक सूजनरोधी है। यह नसों की सूजन, दर्द और ढीलापन दूर करने में असरदार होता है। यदि आप प्रतिदिन इसका सेवन करते हैं तो इससे नसों का ढीलापन हमेशा के लिए दूर हो जायेगा।
कैसे लें: रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं।
0 comments:
Post a Comment