सैन्य ताकत में कौन आगे?
अमेरिका का रक्षा बजट दुनिया में सबसे ज्यादा है। 2025 में यह $850 बिलियन से भी अधिक रहा। इसके पास 11 एयरक्राफ्ट कैरियर, अत्याधुनिक फाइटर जेट्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, और साइबर वारफेयर की मजबूत क्षमता है। नाटो में उसकी नेतृत्व भूमिका भी इसकी सैन्य शक्ति को वैश्विक विस्तार देती है।
दूसरी ओर, रूस के पास विश्व का सबसे बड़ा परमाणु हथियार भंडार है। 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के पास 5500 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं, जबकि अमेरिका के पास करीब 5000। इसके अलावा, यूक्रेन युद्ध ने दिखाया कि रूस पारंपरिक जंग के मैदान में भी लंबे समय तक टिकने की क्षमता रखता है।
तकनीकी वर्चस्व में अमेरिका आगे
अमेरिका में सिलिकॉन वैली जैसी टेक हब हैं जहां Google, Apple, Microsoft और OpenAI जैसी कंपनियां उभरती हैं। अमेरिका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्पेस टेक्नोलॉजी (NASA, SpaceX) और साइबर सुरक्षा में अग्रणी है।
हालांकि रूस भी रक्षा क्षेत्र में उच्च तकनीकी क्षमता रखता है, खासकर मिसाइल और रडार तकनीक में, लेकिन आम नागरिक उपयोग की टेक्नोलॉजी में वह अमेरिका से काफी पीछे है। लेकिन मिसाइल और डिफेंस तकनीक में अमेरिका को टक्कर देता हैं जिसला उदाहरण S-400, S-500 एयर डिफेंस सिस्टम हैं।
आर्थिक ताकत में कोई मुकाबला नहीं
अमेरिका की GDP दुनिया में सबसे बड़ी है 2025 में करीब $29 ट्रिलियन। वहीं, डॉलर एक ग्लोबल करेंसी है और अमेरिका की आर्थिक नीतियों का असर पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
रूस की GDP करीब $1.9 ट्रिलियन है, जो अमेरिका के मुकाबले काफी कम है। हालांकि रूस ऊर्जा संसाधनों विशेषकर गैस और तेल के मामले में एक बड़ा खिलाड़ी है, लेकिन वैश्विक आर्थिक असर के मामले में वह अमेरिका की बराबरी नहीं कर पाता।
राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव
अमेरिका संयुक्त राष्ट्र, G7, G20, और NATO जैसे संगठनों में निर्णायक भूमिका निभाता है। दुनिया भर में उसके सैकड़ों सैन्य बेस हैं और लगभग हर वैश्विक मुद्दे पर उसकी निर्णायक भूमिका होती है।
रूस का प्रभाव मुख्यतः यूरोप और मध्य एशिया तक सीमित है, हालांकि वह सीरिया, ईरान और चीन जैसे देशों के साथ मिलकर पश्चिमी प्रभाव को चुनौती जरूर देता है।
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