बिहार में ये 10 बड़ी घोषणाएं, नागरिकों को बड़ी खुशखबरी

पटना। 2025 में प्रस्तावित बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासत में जबरदस्त हलचल देखी जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में जो घोषणाएं की हैं, वे न केवल जनकल्याणकारी हैं, बल्कि एक व्यापक चुनावी रणनीति की झलक भी देती हैं। इन फैसलों का असर सीधे तौर पर समाज के उन वर्गों पर पड़ता है जो परंपरागत रूप से चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाते आए हैं।

1. आशा और ममता कार्यकर्ताओं का मानदेय दोगुना

स्वास्थ्य सेवाओं में जमीनी स्तर पर काम करने वाली आशा और ममता कार्यकर्ताओं को अब पहले से तीन गुना अधिक प्रोत्साहन राशि मिलेगी। आशा कार्यकर्ताओं को ₹1000 के बजाय ₹3000, और ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव ₹600 मिलेंगे। इससे इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आने की उम्मीद है।

2. पत्रकारों के लिए सम्मानजनक पेंशन

पत्रकारों की भूमिका को मान्यता देते हुए उनकी पेंशन ₹6000 से बढ़ाकर ₹15000 कर दी गई है। यह एक संकेत है कि सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पत्रकारिता के महत्व को लेकर सजग है, साथ ही यह एक ऐसा वर्ग है जो सूचनाओं के माध्यम से जनमत को प्रभावित करता है।

3. सामाजिक सुरक्षा पेंशन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी

नीतीश सरकार ने सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत दी जाने वाली वृद्धावस्था पेंशन को ₹400 से बढ़ाकर ₹1100 कर दिया है। यह फैसला सीधे तौर पर बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में उठाया गया कदम है।

4. बिहार में 125 यूनिट मुफ्त बिजली

हर परिवार को अब 125 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। यह कदम मध्यमवर्ग और निम्न आय वर्ग के लिए राहत भरा है और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली उपभोग को बढ़ावा देगा।

5. गैर-शिक्षण कर्मचारियों का बढ़ा मानदेय

मिड डे मील योजना की रसोइयों, नाइट गार्ड और फिजिकल एजुकेशन इंस्ट्रक्टरों का मानदेय दोगुना कर दिया गया है। रसोइयों को ₹3300, नाइट गार्ड को ₹10000 और फिजिकल टीचर्स को ₹16000 मिलेंगे। साथ ही, वार्षिक वेतन वृद्धि भी बढ़ाई गई है। इससे शिक्षा व्यवस्था में स्थायित्व और कार्य दक्षता की उम्मीद की जा रही है।

6. महिलाओं को डोमिसाइल आधारित आरक्षण

अब सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण केवल बिहार की मूल निवासी महिलाओं को ही मिलेगा। यह कदम स्थानीय महिलाओं को प्राथमिकता देने के साथ-साथ राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा फैसला माना जा रहा है।

7. दिव्यांग अभ्यर्थियों को सिविल सेवा प्रोत्साहन

दिव्यांगों के लिए विशेष योजना के तहत, जो अभ्यर्थी UPSC या BPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास करेंगे, उन्हें मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए ₹50,000 और साक्षात्कार की तैयारी के लिए ₹1 लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी।

8. युवाओं के लिए इंटर्नशिप और स्किल ट्रेनिंग

राज्य सरकार ने 1 लाख युवाओं को ₹4000 से ₹6000 प्रतिमाह की राशि पर इंटर्नशिप और प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। यह पहल युवाओं को स्वरोजगार और हुनर के विकास की दिशा में प्रेरित करेगी। कुल मिलाकर ₹686 करोड़ का बजट इसके लिए निर्धारित किया गया है।

9. युवाओं के लिए 1 करोड़ रोजगार का वादा

सरकार ने 2025 से 2030 के बीच 1 करोड़ रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है जो विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाओं का अध्ययन करेगी। इस वादे से युवाओं में उम्मीद जगी है, लेकिन इसकी सफलता सरकार की कार्यान्वयन क्षमता पर निर्भर करेगी।

10. गांव में विवाह मंडप योजना

गांव-गांव में बेटियों की शादी को गरिमा देने के उद्देश्य से सरकार ने 8000 से अधिक पंचायतों में विवाह भवन बनाने का फैसला लिया है। इसका संचालन जीविका समूह की महिलाओं द्वारा किया जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।

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