1 .अमेरिका: मिसाइल टेक्नोलॉजी में अव्वल
दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य महाशक्ति अमेरिका के पास लंबी दूरी की ICBM और SBLM मिसाइलें हैं, जिनकी मारक क्षमता बहुत ऊंची है। अमेरिकी पनडुब्बियों में ट्राइडेंट मिसाइलें तैनात हैं जो दुश्मन को समुद्र के अंदर से भी निशाना बना सकती हैं। इसके अलावा अमेरिका हाइपरसोनिक मिसाइलों के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा है और उसका टॉमाहॉक क्रूज मिसाइलों का बेड़ा भी खतरनाक माना जाता है। अमेरिका ने ASAT परीक्षण कर स्पेस डोमेन में भी अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है।
2 .रूस: तकनीक में पुराना दिग्गज
रूस मिसाइल तकनीक के मामले में अमेरिका का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी माना जाता है। इसके पास RS-28 सैराट जैसी आधुनिक ICBM मिसाइलें हैं जो बेहद विनाशकारी हैं। रूस की पनडुब्बियाँ भी SBLM मिसाइलों से लैस हैं। रूस ने दुनिया की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल 'अवांगार्ड' विकसित की है और उसके पास ASAT हथियार भी मौजूद हैं, जो उपग्रहों को निशाना बना सकते हैं।
3 .चीन: तेजी से बढ़ती मिसाइल क्षमता
चीन ने मिसाइल तकनीक में बड़े पैमाने पर निवेश किया है और आज वह भी पूरी मिसाइल श्रंखला के साथ वैश्विक ताकत बन चुका है। चीन के पास लंबी दूरी की ICBM और SBLM मिसाइलें हैं, साथ ही उसने हाइपरसोनिक मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। उसकी क्रूज मिसाइलें क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए अहम हैं। चीन ने सफलतापूर्वक एंटी सैटेलाइट मिसाइल का परीक्षण कर अंतरिक्ष सुरक्षा क्षेत्र में भी अपना प्रभाव दिखाया।
4 .भारत: उभरती मिसाइल महाशक्ति
भारत ने हाल के वर्षों में मिसाइल विकास में तेजी से प्रगति की है। भारत की अग्नि श्रृंखला लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। साथ ही, भारत सबमरीन से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (SBLM) विकसित कर रहा है। हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी में भारत का शोध जारी है। ब्रह्मोस और पृथ्वी जैसी क्रूज मिसाइलें भारत की ताकत का प्रतीक हैं। 2019 में सफलतापूर्वक एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण कर भारत ने स्पेस डोमेन में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।
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