राज्य सरकार उठाएगी पूरा व्यय
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि इस निर्णय का सीधा लाभ करीब 1.40 लाख जीविका कर्मियों को मिलेगा, जिनमें प्रशिक्षु, प्रशिक्षक, फील्ड स्टाफ और विभिन्न अन्य पदों पर कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं। मानदेय में इस दोगुनी वृद्धि से प्रति वर्ष करीब 735 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार की योजना मद से वहन किया जाएगा।
जीविका समूहों के लिए सतत प्रयास
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार जीविका के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रही है। यह मानदेय वृद्धि राज्य सरकार की उसी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। सरकार का मानना है कि जो लोग जमीनी स्तर पर समाज और ग्रामीण विकास के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें उनकी मेहनत के अनुरूप पारिश्रमिक मिलना चाहिए।
ग्रामीण सशक्तिकरण को मिलेगा बल
इस फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों की गतिविधियों को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। सामुदायिक कार्यकर्ताओं के लिए यह एक बड़ा आर्थिक संबल साबित होगा, जिससे उनकी कार्यक्षमता और मनोबल में वृद्धि होगी।
विभागीय संकल्प से मिली मंजूरी
विभागीय संकल्प के अनुसार मानदेय वृद्धि की प्रक्रिया को जल्द ही क्रियान्वित किया जाएगा। इसके लिए सभी जिला और प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
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