1 मंत्र, 108 चमत्कार: जन्माष्टमी पर बदलें अपना भाग्य!

धर्म डेस्क।  हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी न केवल श्रद्धा और भक्ति का पर्व होता है, बल्कि यह आत्मचिंतन और आध्यात्मिक उत्थान का अवसर भी प्रदान करता है। इस पावन दिन पर यदि कोई एक मंत्र है जिसे प्राचीन शास्त्रों ने "संपूर्ण जीवन परिवर्तन" का साधन बताया है, तो वह है "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"।

मंत्र का अर्थ और महत्व

"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" एक द्वादशाक्षरी (12 अक्षरों वाला) वैष्णव मंत्र है, जिसका शाब्दिक अर्थ है। "मैं भगवान वासुदेव (श्रीकृष्ण) को नमस्कार करता हूँ।" यह मंत्र भक्त और भगवान के बीच का वह दिव्य पुल है, जिससे जुड़कर साधक सांसारिक बंधनों से ऊपर उठ सकता है।

जन्माष्टमी पर क्यों है यह मंत्र विशेष?

जन्माष्टमी की रात को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। एक ऐसा अवतार जो धर्म, करुणा, प्रेम और न्याय का प्रतीक है। इस दिन भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए यह मंत्र सबसे प्रभावशाली माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, जन्माष्टमी की मध्यरात्रि (अभिजीत मुहूर्त) में इस मंत्र का 108 बार जाप विशेष फलदायी होता है।

कैसे करें जाप?

प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।

आसन पर बैठकर रुद्राक्ष या तुलसी की माला से मंत्र का जाप करें।

कम से कम 108 बार जाप करें - मानसिक एकाग्रता बनाए रखें।

अंत में भगवान से मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करें।

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