नया फ्यूल सिस्टम, नई उड़ान
Tejas Mk2 को अब एक नया फ्यूल सिस्टम दिया जा रहा है, जिसमें तीन बाहरी फ्यूल टैंक्स शामिल हैं। इनमें एक 1300 लीटर का सुपरसोनिक ड्रॉप टैंक और दो 1800 लीटर के 'पिन्च्ड-वेस्ट' टैंक लगाए जाएंगे। इसके साथ ही, इसकी आंतरिक फ्यूल क्षमता भी 3300 किलोग्राम तक बढ़ाई गई है, जो पहले के Mk1 वर्जन से कहीं ज्यादा है। इससे Tejas Mk2 की कुल फ्यूल क्षमता अब 6000 किलोग्राम तक पहुँच जाएगी।
1000 किलोमीटर से आगे तक मार
इस अपग्रेड का सबसे बड़ा प्रभाव इसकी ऑपरेशनल रेंज पर पड़ेगा। Tejas Mk2 अब 1000 किलोमीटर से भी ज्यादा की दूरी पर दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकता है, वो भी बिना हथियार क्षमता में कोई समझौता किए। जेट की लंबी उड़ान क्षमता और हवा में ईंधन भरने की सुविधा इसे 10 घंटे तक मिशन पर टिके रहने लायक बनाती है।
फुल पावर अटैक -बिना समझौता किए
ज्यादातर फाइटर जेट्स को लंबी दूरी तय करने के लिए हथियार कम करने पड़ते हैं, जिससे मारक क्षमता प्रभावित होती है। लेकिन Tejas Mk2 की उच्च फ्यूल क्षमता के कारण इसे अपने हथियारों में कोई कटौती नहीं करनी पड़ेगी। यानी यह जेट हर मिशन पर पूरी ताकत के साथ जाएगा, चाहे वह डीप स्ट्राइक हो या लंबी दूरी की गश्त।
चीन और पाकिस्तान के लिए नई चुनौती
भारत की पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर लगातार बदलते सुरक्षा हालात में Tejas Mk2 का यह अपग्रेड बेहद रणनीतिक साबित हो सकता है। यह जेट LAC और LoC के पास अपनी मौजूदगी को बनाए रखते हुए दुश्मन की गतिविधियों पर तुरंत और सटीक प्रतिक्रिया देने में सक्षम होगा। इसकी लंबी रेंज और लगातार गश्त की क्षमता चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए सिरदर्द बन सकती है।
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