मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब बिहार में सरकारी नौकरियों की प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षाओं (PT) में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से सिर्फ 100 रुपये शुल्क लिया जाएगा। यह एक ऐतिहासिक फैसला है, क्योंकि पहले अलग-अलग पदों के लिए फॉर्म भरते समय उम्मीदवारों को कई बार अलग-अलग और भारी-भरकम फीस चुकानी पड़ती थी।
एक समानता की दिशा में कदम
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC), कर्मचारी चयन आयोग (BSSC), तकनीकी सेवा आयोग, बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग तथा केंद्रीय सिपाही चयन परिषद जैसे सभी प्रमुख आयोगों की प्रारंभिक परीक्षाओं में अब फीस एक समान होगी, सिर्फ 100 रुपये। इतना ही नहीं, यदि कोई अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण कर मुख्य परीक्षा (Mains) तक पहुंचता है, तो उसे आगे कोई शुल्क नहीं देना होगा।
50 लाख नौकरी-रोजगार
सीएम नीतीश ने अपने संबोधन में यह भी स्पष्ट किया कि अब राज्य सरकार 2025 से 2030 के बीच 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने की दिशा में कार्य करेगी। इस दिशा में अब तक 3 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है।
पहले जहां 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार का लक्ष्य रखा गया था, वहीं अब इसे बढ़ाकर कुल 50 लाख कर दिया गया है। यह निश्चय ही एक बड़ा और प्रभावशाली लक्ष्य है, जो युवाओं के भविष्य को लेकर सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
युवाओं के सपनों को उड़ान
इस फैसले से न सिर्फ आर्थिक रूप से राहत मिलेगी, बल्कि युवाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। सरकार की यह पहल दिखाती है कि अब नीति-निर्माण का केंद्रबिंदु युवा हैं। कम फीस, समान अवसर और रोजगार की स्पष्ट योजना मिलकर युवाओं को अपने सपनों के पीछे भागने का अवसर दे रही है।
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