भारत की सफलता से अमेरिका-रूस चौंके, चीन चिंता में

नई दिल्ली। भारत ने हाल ही में रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाते हुए अपनी पहली हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल को "एक्सटेंडेड ट्रैजेक्टरी लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (ETLD-HCM)" नाम दिया गया है, जिसे "प्रोजेक्ट विष्णु" नामक एक अत्यंत गोपनीय कार्यक्रम के अंतर्गत DRDO द्वारा विकसित किया गया है।

इस ऐतिहासिक परीक्षण ने न केवल भारत की सैन्य क्षमताओं को एक नई ऊंचाई दी है, बल्कि वैश्विक महाशक्तियों अमेरिका, रूस और चीन को भी चौंका दिया है। चीन की चिंता साफ़ देखी जा रही है, क्योंकि भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिनके पास हाइपरसोनिक हथियार प्रणालियाँ हैं।

प्रोजेक्ट विष्णु: भारत का गुप्त सुपर प्रोजेक्ट

"प्रोजेक्ट विष्णु" भारत सरकार द्वारा चलाया गया एक गुप्त रक्षा कार्यक्रम है, जो हाइपरसोनिक और एडवांस्ड वेपन सिस्टम्स के विकास पर केंद्रित है। माना जा रहा है कि इस परियोजना में भारत की सर्वोत्तम वैज्ञानिक प्रतिभाएं वर्षों से कार्यरत थीं। इसका उद्देश्य सिर्फ एक मिसाइल बनाना नहीं, बल्कि एक हाइपरसोनिक प्लेटफॉर्म तैयार करना है जिसमें अंतरिक्ष आधारित और AI-इंटीग्रेटेड हथियार भी भविष्य में विकसित किए जा सकते हैं।

ETLD-HCM मिसाइल की खासियतें

1 .गति: 8 मैक (लगभग 11,000 किलोमीटर प्रति घंटा) - इतनी तेज गति से चलने वाली मिसाइल को रोकना अत्यंत कठिन होता है।

2 .रेंज: इस हाइपरसोनिक मिसाइल की रेंज 1500 किलोमीटर है जो इसे भारत के रणनीतिक दुश्मनों के भीतर गहराई तक वार करने की क्षमता देता है।

3 .पेलोड क्षमता: 2000 किलोग्राम  इसमें पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के हथियार ले जाने की क्षमता है।

4 .लॉन्च प्लेटफॉर्म: यह मिसाइल जमीन, समुद्र, और हवाई जहाजों से लॉन्च की जा सकती है, जिससे इसकी रणनीतिक लचीलापन काफी बढ़ जाता है।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य और सामरिक अस

भारत की इस सफलता ने अमेरिका और रूस जैसे तकनीकी दिग्गजों को भी चौकन्ना कर दिया है। वहीं, चीन जो पहले ही DF-ZF जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलें विकसित कर चुका है। अब भारत की प्रगति को लेकर सतर्क हो गया है।

इस मिसाइल के आने से भारत की "स्ट्रैटजिक डिटरेंस" (रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता) में भारी वृद्धि होगी, और यह पाकिस्तान व चीन दोनों के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि भारत अब केवल एक रक्षात्मक शक्ति नहीं, बल्कि एक तकनीकी और सामरिक अग्रणी राष्ट्र बन चुका है।

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