अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा, दीपक कुमार की ओर से जारी शासनादेश के अनुसार शिक्षक अब वांछित जिले के पांच स्कूलों का चयन ऑनलाइन कर सकेंगे, जहां पद रिक्त हैं। रिक्त पदों की पूरी जानकारी 31 जनवरी 2026 तक निदेशालय की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके बाद शिक्षक पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ही संचालित होगी।
विशेष वरीयता की व्यवस्था
सरकार ने कुछ विशेष परिस्थितियों में तबादले को प्राथमिकता देने की बात कही है। इनमें शामिल हैं: पति-पत्नी का सरकारी सेवा में अलग-अलग जिलों में होना, सेना या अर्द्धसैनिक बल में तैनाती, गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर से पीड़ित शिक्षक, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती, 31 मार्च तक 58 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले शिक्षक। यदि एक से अधिक शिक्षक समान अंक प्राप्त करते हैं, तो आयु में वरिष्ठ शिक्षक को वरीयता दी जाएगी।
20% तक ही होंगे ट्रांसफर
शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी संस्था से अधिकतम 20 प्रतिशत शिक्षकों का ही ट्रांसफर किया जाएगा, ताकि संस्थाओं की कार्यप्रणाली प्रभावित न हो।
आठ जिलों पर विशेष प्रतिबंध
शासन ने सोनभद्र, चंदौली, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, फतेहपुर, चित्रकूट और सिद्धार्थनगर जैसे महत्वाकांक्षी जिलों से किसी भी शिक्षक को अन्य जिलों में तबादले की अनुमति नहीं दी है। हालांकि, परस्पर सहमति (म्यूचुअल ट्रांसफर) की स्थिति में इन जिलों से बाहर तबादला किया जा सकेगा। इसी प्रकार अन्य जिलों के शिक्षकों के परस्पर तबादलों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
पारदर्शिता और जवाबदेही की ओर कदम
शिक्षा विभाग के इस निर्णय को शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रही मांगों और प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इससे न सिर्फ विवाद कम होंगे बल्कि तबादला प्रक्रिया भी सुचारु और निष्पक्ष तरीके से संचालित की जा सकेगी।
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