47 साल बाद ऐतिहासिक कदम
यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि लगभग 47 वर्षों बाद राज्य में इस स्तर पर औद्योगिक पार्कों की स्थापना की जा रही है। पहले जहां यह ज़मीनें भ्रष्टाचार और अवैध कब्जों की शिकार थीं, अब वही ज़मीनें उद्यमियों के लिए सस्ती और उपयोगी भूखंडों के रूप में परिवर्तित की जाएंगी।
एमएसएमई के लिए सुनहरा अवसर
इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को प्रोत्साहन देना है। एमएसएमई को विकसित भूखंड कम कीमत पर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे स्थानीय उद्यमियों को न सिर्फ व्यापार स्थापित करने में सहायता मिलेगी, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
पारदर्शिता और तकनीकी व्यवस्था
इस योजना की एक और बड़ी खासियत यह है कि भूखंडों का आवंटन पूरी तरह से ई-नीलामी के माध्यम से किया जाएगा। इससे प्रक्रिया पारदर्शी रहेगी और भ्रष्टाचार पर भी नियंत्रण रहेगा। सरकारी मशीनरी को अब ज़मीन के आवंटन में व्यक्तिगत सिफारिशों या दबाव से मुक्त किया जा सकेगा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेश को बढ़ावा
राज्य सरकार की ‘यूपी लघु उद्योग औद्योगिक अवस्थापना नीति’ को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, जो इस योजना का मूल आधार बनेगी। इसके तहत विकसित किए गए औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, जल आपूर्ति, विद्युत, संचार व लॉजिस्टिक्स जैसी मूलभूत सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। इससे निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी।
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