बिहार में 'सरकारी जमीन' को लेकर बड़ा अपडेट

न्यूज डेस्क। बिहार में सरकारी जमीन को लेकर एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया गया है। डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि सरकारी जमीन के गलत कागजात बनाकर बेचने वाले भू-माफिया बख्शे नहीं जाएंगे। यह कदम बिहार सरकार की जमीन संरक्षण और कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने की नीति का हिस्सा है।

दरअसल मुजफ्फरपुर जिले के कांटी क्षेत्र में कृषि विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर उसे बेचने के मामले में डिप्टी सीएम ने खुद संज्ञान लिया है। उन्होंने जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की है और कहा कि ऐसे मामलों में त्वरित और कड़ी कानूनी कार्रवाई जरूरी है। बिना प्रशासन की अनुमति और बिना कब्जा लिए जमीन के दाखिल-खारिज और जमाबंदी में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

विजय सिन्हा ने इस दौरान यह भी कहा कि भू-माफिया टाइटल सूट की आड़ में कृषि विभाग की जमीन पर कब्जा कर उसे गैरकानूनी तरीके से बेच रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश पहले भी जिलाधिकारी और एसएसपी को दिए जा चुके हैं, लेकिन अब इस दिशा में और तेज़ी लाई जाएगी। कांटी के मामले में कोर्ट से हुए फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील भी की जाएगी ताकि गलत तरीके से हुए हस्तांतरण को चुनौती दी जा सके।

सरकारी जमीन की सुरक्षा के लिए जमीन माफियाओं की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया को भी त्वरित बनाने का निर्देश दिया गया है। इससे साफ है कि सरकार भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर जमीन संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है। डिप्टी सीएम की यह कार्रवाई न केवल जमीन के अवैध हस्तांतरण को रोकने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कम करने का भी संदेश देगी।

यह पहल बिहार में सरकारी संपत्ति की रक्षा और किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। भूमि विभाग और प्रशासन को भी इसके लिए कठोरता दिखानी होगी ताकि हर स्तर पर कानून का शासन कायम रहे। भू-माफिया के खिलाफ चल रही कार्रवाई से आम जनता का भरोसा सरकार की नीतियों पर और बढ़ेगा और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।

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