1. ॐ कृष्णाय नमः।
इस बीज मंत्र के जाप से मन शांत होता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। यह मंत्र श्रीकृष्ण के सर्वशक्तिमान स्वरूप का स्मरण कराता है।
2. ॐ क्लीं कृष्णाय नमः।
यह मंत्र राधा-कृष्ण प्रेम और आकर्षण का प्रतीक है। इसके जाप से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और पारिवारिक जीवन में संतुलन बना रहता है।
3. ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः।
इसका अर्थ है "मैं श्रीकृष्ण की शरण में हूं"। यह पूर्ण समर्पण का मंत्र है, जो भक्त को भय, दुख और मोह से मुक्ति दिलाता है।
4. ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय।
यह मंत्र भगवान गोविंद यानी कृष्ण के पूर्णावतार स्वरूप की आराधना करता है। इसके जाप से आर्थिक समस्याएं, मानसिक तनाव और जीवन की उलझनों से राहत मिलती है।
मंत्र जाप की विधि:
जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाकर ध्यानपूर्वक इन मंत्रों का जाप करें। प्रत्येक मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना श्रेष्ठ माना गया है। जाप के लिए तुलसी की माला का प्रयोग विशेष रूप से शुभ होता है।
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