आपको बता दें की सरकार की इस घोषणा से राज्य के 7,047 किसान सलाहकारों को लाभ मिलेगा। इसके लिए ₹67.87 करोड़ से अधिक की राशि की निकासी और खर्च की स्वीकृति कृषि विभाग द्वारा दी जा चुकी है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
किसान सलाहकारों की भूमिका को मिला सम्मान
राज्य सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि किसान सलाहकार कृषि योजनाओं को धरातल पर उतारने में एक अहम कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। ये सलाहकार पंचायत स्तर पर कार्यरत रहकर किसानों को तकनीकी जानकारी, योजनाओं की जानकारी और फसल संबंधी परामर्श उपलब्ध कराते हैं।
इनकी मेहनत और निरंतर योगदान को देखते हुए सरकार ने न केवल इनके मानदेय में वृद्धि की है, बल्कि दैनिक कार्य समय को 6 घंटे से बढ़ाकर 7 घंटे कर दिया है। इससे न सिर्फ इनकी जिम्मेदारियां बढ़ेंगी, बल्कि इनकी सेवाओं का दायरा भी विस्तृत होगा।
किसानों से सीधा जुड़ाव
किसान सलाहकार राज्य के कृषि तंत्र में अंतिम कड़ी होते हैं, जिनका किसानों से सीधा संपर्क होता है। चाहे वह प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना हो, सॉयल हेल्थ कार्ड वितरण हो, या फसल बीमा योजना, किसान सलाहकार हर योजना की सूचना और लाभ सीधे किसानों तक पहुंचाने में जुटे रहते हैं। इस बढ़े हुए मानदेय से उन्हें न सिर्फ आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि यह उनके काम के महत्व को भी मान्यता देता है।
सरकार की ओर से स्पष्ट संदेश
मानदेय बढ़ाने के इस फैसले से सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह निचले स्तर पर कार्य कर रहे कृषि कर्मियों की भूमिका को लेकर सजग है और उनकी मेहनत का उचित मूल्य देना चाहती है। राज्य में कृषि क्षेत्र की मजबूती और किसान कल्याण की दिशा में यह कदम एक सकारात्मक संकेत है।
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