पृष्ठभूमि: महीनों से जारी वार्ता
भारत और अमेरिका के बीच इस समझौते पर चर्चा काफी समय से जारी थी। यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत की रूस से तेल खरीद और कृषि उत्पादों पर टैरिफ को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद बने हुए थे। अमेरिका चाहता था कि भारत अपने बाजार को अमेरिकी डेयरी और कृषि उत्पादों के लिए खोले, जबकि भारत अपनी घरेलू कृषि व्यवस्था की सुरक्षा को लेकर सख्त था।
समझौते की नई दिशा
हाल ही में सामने आई रिपोर्टों के मुताबिक, भारत द्वारा रूस से तेल की खरीद में कमी लाने के संकेत देने के बाद अमेरिका ने अपने टैरिफ घटाकर 16 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है। इसे दोनों देशों के बीच समझौते की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इस पहल से न केवल व्यापारिक रिश्ते सुधरेंगे बल्कि वैश्विक बाजार में दोनों देशों की साझेदारी भी मजबूत होगी।
ट्रंप ने की मोदी की सराहना
दक्षिण कोरिया में प्रेस से बातचीत के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “मैं भारत के साथ एक व्यापार समझौता कर रहा हूं। प्रधानमंत्री मोदी के प्रति मेरे मन में गहरा सम्मान और प्रेम है। वह एक जबरदस्त इंसान हैं और काफी मजबूत नेता हैं।” ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके और मोदी के बीच व्यक्तिगत संबंध बेहद सकारात्मक हैं, जो इस समझौते को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
भारत की कूटनीतिक जीत
ट्रंप के इस बयान को भारत की कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है। भारत ने अपने हितों से समझौता किए बिना अमेरिका को बातचीत की मेज पर बनाए रखा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करेगा तथा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

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