90 साल पुराने पुल की जगह बनेगा नया पुल
अंग्रेजी शासनकाल में वर्ष 1930 में निर्मित यह पुल कई दशकों तक अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या और बाराबंकी को जोड़ने वाला एक अहम रास्ता रहा। लेकिन पुल के सकरा होने से आए दिन यहां जाम की स्थिति बनती थी, जिससे स्थानीय लोगों और व्यापारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने पुराने पुल को तोड़कर नया, चौड़ा पुल बनाने का निर्णय लिया था।
बारिश में सर्विस लेन ध्वस्त, आवागमन बंद
पुल निर्माण मार्च माह में शुरू हुआ, और बगल में वाहनों के लिए एक सर्विस लेन तैयार की गई थी। लेकिन जुलाई में नैया नाला में पानी बढ़ने के कारण सर्विस लेन ध्वस्त हो गई, जिससे करीब एक महीने तक इस मार्ग पर पूरी तरह यातायात ठप रहा। बाद में केवल छोटी चारपहिया गाड़ियों को हाइट गेज लगाकर गुजरने की अनुमति दी गई, जबकि भारी वाहनों की आवाजाही अभी तक बंद थी।
समाचार के असर से तेज हुई कार्रवाई
स्थानीय मीडिया में इस विषय पर खबर प्रकाशित होने के बाद विभागीय अधिकारी तुरंत हरकत में आ गए। मंगलवार देर शाम निर्माण स्थल पर श्रमिकों और मशीनों की नई खेप पहुंचाई गई। बुधवार सुबह से सर्विस लेन के चौड़ीकरण का काम शुरू हो गया है।
जल्द बहाल होगा यातायात
जेई ओमप्रकाश गौड़ के अनुसार, सर्विस लेन को मजबूत और चौड़ा करने के बाद हाइट गेज हटाकर भारी वाहनों का आवागमन बहाल किया जाएगा। साथ ही पुल निर्माण का कार्य भी तेजी से चलाया जा रहा है ताकि क्षेत्रवासियों को स्थायी समाधान मिल सके।

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