क्या है मामला?
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की वास्तविक उपस्थिति की निगरानी के लिए ई-शिक्षा कोष एप को अनिवार्य किया है। इस एप के माध्यम से शिक्षक विद्यालय में प्रवेश और प्रस्थान का समय, साथ ही मोबाइल कैमरे से खींची गई फोटो अपलोड कर उपस्थिति दर्ज करते हैं। हालांकि, हालिया जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कई शिक्षक बिना स्कूल आए ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे, जबकि कुछ शिक्षक विद्यालय अवधि समाप्त होने से पहले ही स्कूल छोड़ रहे थे।
फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की टीम ने एप पर दर्ज फोटो और समय का गहन परीक्षण किया। जांच में पाया गया कि कई उपस्थिति प्रविष्टियाँ संदिग्ध थीं। इसी आधार पर 72 शिक्षकों और विशिष्ट शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है। प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित शिक्षकों से लिखित स्पष्टीकरण लेकर कार्यालय में प्रस्तुत करें।
आगे की कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह कदम शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। यदि दोषी शिक्षक संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए, तो उनके खिलाफ वेतन रोकना, निलंबन, अथवा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
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