क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
सरकारी वेतन तय करने में फिटमेंट फैक्टर एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह वह गुणांक (multiplier) है, जिसकी मदद से पुराने वेतन को नई सिफारिशों के अनुसार बढ़ाया जाता है। उदाहरण के तौर पर: 2.57 का फिटमेंट फैक्टर = वेतन में 157% की वृद्धि, इसी कारण 7वें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन 7,000 से बढ़कर 18,000 हुआ था।
अगर 8वें वेतन आयोग में भी 2.57 का ही फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाता है, तो 18,000 रुपये न्यूनतम वेतन सीधे बढ़कर लगभग 46,260 रुपये हो जाएगा। गणना: ₹18,000 × 2.57 = ₹46,260, यह केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी राहत और आर्थिक मजबूती का कारण बन सकता है।
क्या 2.86 का फिटमेंट फैक्टर संभव है?
नेशनल काउंसिल - ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने सरकार से 2.86 तक का फिटमेंट फैक्टर लागू करने की मांग की है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह मांग काफी ज्यादा है। यदि 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो: ₹18,000 × 2.86 = ₹51,480, यानी 185% से अधिक की वृद्धि होगी। हालांकि, हाल ही में पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने इसे अव्यवहारिक (impractical) बताया है और 1.92 के फिटमेंट फैक्टर का सुझाव दिया है।
अगर 1.92 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है तो 18,000 रुपये का वेतन बढ़कर होगा: ₹18,000 × 1.92 = ₹34,560, यानि करीब 92% की वृद्धि। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जल्द ही आयोग का गठन संभव है। इसके बाद एक साल के भीतर सिफारिशें लागू की जा सकती हैं।
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