WHO की गाइडलाइन क्या कहती है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एक स्वस्थ पुरुष में प्रति मिलिलीटर (ml) वीर्य में कम से कम 15 मिलियन शुक्राणु होने चाहिए। वहीं पूरे सैंपल में कुल शुक्राणुओं की संख्या 39 मिलियन या उससे अधिक होनी चाहिए। इससे कम स्पर्म काउंट को ओलिगोस्पर्मिया (Oligospermia) कहा जाता है, जो पुरुषों में प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
केवल संख्या नहीं, गुणवत्ता भी जरूरी
WHO की रिपोर्ट यह भी बताती है कि केवल स्पर्म की संख्या ही नहीं, उनकी गतिशीलता (motility) और आकृति (morphology) भी महत्वपूर्ण होती है। शुक्राणु जितना तेजी से और सही दिशा में गतिशील होते हैं, उतनी ही संभावना होती है कि वे अंडाणु (egg) तक पहुँचकर निषेचन कर पाएं।
क्या कहती है मेडिकल रिपोर्ट्स?
हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि खराब लाइफस्टाइल, अत्यधिक तनाव, धूम्रपान, शराब सेवन और खानपान की आदतें पुरुषों के स्पर्म काउंट को घटा रही हैं। मोबाइल और लैपटॉप की गर्मी, शरीर के निचले हिस्से पर लगातार दबाव पड़ना (जैसे टाइट अंडरवियर पहनना) भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
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