केंद्रीय 'कर्मचारियों' के लिए एक बड़ी खुशखबरी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पेंशन व्यवस्था से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घोषणा सामने आई है, जिससे हजारों कर्मचारियों को भविष्य में वित्तीय सुरक्षा की बड़ी सौगात मिलने वाली है। सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को एक वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में प्रस्तुत किया है, जिससे कर्मचारियों को निश्चित पेंशन लाभ का विकल्प मिल रहा है।

अब तक 31,555 कर्मचारियों ने चुना UPS का विकल्प

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में जानकारी दी कि 20 जुलाई 2025 तक 31,555 केंद्रीय कर्मचारी UPS योजना का विकल्प चुन चुके हैं। इस योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2025 से की गई है, और सरकार ने इसे एक सुनिश्चित भुगतान आधारित पेंशन योजना के रूप में पेश किया है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक असुरक्षा से बचाना है।

अब 30 सितंबर तक समय

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बताया कि कर्मचारियों और संघों से मिले अभ्यावेदन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने UPS का विकल्प चुनने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी है। इससे उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो पहले से एनपीएस में शामिल हैं लेकिन पेंशन की स्थिरता को लेकर चिंतित थे।

कौन कर्मचारी हैं UPS के लिए पात्र?

सरकार द्वारा बताए गए पात्रता मानदंडों के अनुसार: वे केंद्रीय कर्मचारी जो 31 मार्च 2025 या उससे पहले रिटायर हो चुके हैं या जिनकी मृत्यु हो चुकी है। जिनकी सेवा 10 साल या उससे अधिक रही है। या वे कर्मचारी जो मौलिक नियम 56(जे) के तहत सेवानिवृत्त हुए हैं। इन सभी को UPS योजना के तहत अतिरिक्त पेंशन लाभ मिल सकता है।

UPS में मिलने वाले लाभ क्या हैं?

UPS के अंतर्गत मिलने वाले लाभ निम्नलिखित हैं: सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और मृत्यु ग्रेच्युटी का लाभ। सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु या अशक्तता की स्थिति में CCS (पेंशन) नियम, 2021 या CCS (असाधारण पेंशन) नियम, 2023 के तहत पेंशन लाभ। आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत कर छूट, ठीक वैसे ही जैसे NPS में मिलती है। यह योजना केवल उन कर्मचारियों के लिए है जो पहले से NPS के अंतर्गत आते हैं, यानी पुरानी पेंशन योजना से बाहर हैं।

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