जनवरी से जुलाई: महंगाई ने कैसे बढ़ाया बोझ?
बीते छह महीनों में खाद्य वस्तुओं से लेकर ईंधन और जरूरी सेवाओं तक की कीमतों में लगातार इजाफा देखा गया है। ऐसे में कर्मचारियों की मासिक आमदनी पर असर पड़ना स्वाभाविक है। महंगाई भत्ता इसी असर को संतुलित करने का एक जरिया है। यह न केवल वेतन को महंगाई के अनुसार संतुलित करता है, बल्कि पेंशनर्स की मासिक राहत को भी महफूज़ रखता है।
DA कैसे तय होता है?
DA में बढ़ोतरी का आधार होता है औद्योगिक श्रमिकों के लिए तय किया गया उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW)। यह सूचकांक यह दर्शाता है कि रोजमर्रा की ज़रूरत की चीज़ों की कीमतों में औसतन कितना बदलाव हुआ। जुलाई 2025 के लिए DA की गणना इसी आधार पर की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार भी 3% तक बढ़ोतरी संभव है, जिससे कुल DA बढ़कर मूल वेतन का 58% हो सकता है।
त्योहार से पहले जेब में राहत
सरकारी परंपरा के अनुसार, जुलाई से लागू होने वाला DA-DR आमतौर पर अक्टूबर में खाते में आता है — यानी त्योहारों के मौसम के ठीक पहले। दशहरा, दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान खर्च बढ़ता है और ऐसे समय में DA का आना एक वित्तीय राहत के रूप में देखा जाता है।
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