क्यों लिया गया यह निर्णय?
राज्य सरकार द्वारा लागू की गई 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के बाद देखा गया कि एक ही परिवार के कई सदस्य, जान-बूझकर मकान को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर अलग-अलग कनेक्शन ले रहे थे, ताकि वे सभी इस योजना का लाभ उठा सकें। इससे योजना का उद्देश्य बाधित हो रहा था और असली जरूरतमंदों तक इसका लाभ नहीं पहुंच पा रहा था।
नए नियम क्या हैं?
अब यदि कोई परिवार एक ही परिसर में दो या उससे अधिक बिजली कनेक्शन चाहता है, तो उसे सिविल कोर्ट से प्रमाणित विधिवत बंटवारे की प्रति प्रस्तुत करनी होगी। पहले की तरह पंचायत या राजस्व विभाग से मिला हल्का दस्तावेज, या केवल पारिवारिक सहमति पत्र, अब इस उद्देश्य के लिए मान्य नहीं होगा।
पुराने उपभोक्ताओं को राहत
इस नए नियम का प्रभाव केवल नए बिजली कनेक्शनों पर पड़ेगा। जिन उपभोक्ताओं के पास पहले से ही एक ही परिसर में अलग-अलग नामों पर कनेक्शन हैं, उन्हें इस बदलाव से कोई परेशानी नहीं होगी।
क्या कह रहे हैं अधिकारी?
सोनो विद्युत अंचल के कनीय अभियंता प्रीतम राज के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य योजना के दुरुपयोग को रोकना और वास्तविक लाभार्थियों तक सरकारी लाभ पहुंचाना है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लोग मकान को नाममात्र रूप से बांटकर कई कनेक्शन ले रहे थे, जिससे विभागीय रिकॉर्ड और योजना दोनों पर असर पड़ रहा था।
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