BrahMos-2: भारत की इस नई मिसाइल की क्या होगी ताकत?

नई दिल्ली। भारत तेजी से उभरती हुई एक रक्षा शक्ति है, और इसका प्रमाण है आधुनिकतम मिसाइल तकनीकों में उसका अग्रणी विकास। इसी दिशा में भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित की जा रही मिसाइल BrahMos-2 आने वाले वर्षों में भारत की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाली है। यह एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल होगी, जो न केवल गति और मारक क्षमता में अत्याधुनिक होगी, बल्कि यह भारत को उस सीमित देशों की सूची में शामिल करेगी जो हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक में सक्षम हैं।

BrahMos-2 क्या है?

BrahMos-2, BrahMos Aerospace द्वारा विकसित एक अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह मिसाइल मौजूदा BrahMos (Mach 2.8–3.0 गति वाली सुपरसोनिक मिसाइल) का उन्नत संस्करण होगी। इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मॉस्कवा नदी के नामों से लिया गया है। BrahMos-2 की विशेषता इसकी Mach 6 से Mach 8 (यानी ध्वनि की गति से 6–8 गुना तेज) की संभावित गति है।

BrahMos-2 की प्रमुख विशेषताएं

रेंज: अनुमानित 1,000 से 1,500 किमी

गति: Mach 6–8 (ध्वनि से लगभग 10,000 किमी/घंटा तक तेज़)

प्रणाली: Scramjet इंजन (हाइपरसोनिक एयर-ब्रीदिंग तकनीक)

वॉरहेड क्षमता: 200–300 किलोग्राम पारंपरिक विस्फोटक

लॉन्च प्लेटफॉर्म: थल, जल, वायु—तीनों माध्यमों से प्रक्षेपण संभव

विकास सहयोगी: भारत (DRDO) और रूस (NPO Mashinostroyenia)

तकनीकी शक्ति और चुनौतियाँ

BrahMos-2 की सबसे बड़ी ताकत है इसकी अत्यंत तेज गति। यह मिसाइल इतनी तेज होगी कि किसी भी मौजूदा एंटी-मिसाइल सिस्टम के लिए उसे इंटरसेप्ट करना बेहद कठिन होगा। इससे यह डिटेरेन्स (प्रतिरोधक) शक्ति के रूप में काम करेगी। 

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