क्यों जरूरी थी यह व्यवस्था?
बीते वर्षों में छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर स्कूलों में पारदर्शिता की कमी, अनियमित रिकॉर्डिंग और कभी-कभी फर्जी उपस्थिति दर्ज करने की शिकायतें सामने आती रही हैं। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता और अनुशासन दोनों प्रभावित हो रहे थे। इसी समस्या को दूर करने और शिक्षा में डिजिटल सुधार लाने की दिशा में यह व्यवस्था एक बड़ा और ठोस कदम है।
नई व्यवस्था की मुख्य बातें:
1 .डिजिटल उपस्थिति अनिवार्य: अब छात्रों और शिक्षकों की दैनिक उपस्थिति मोबाइल ऐप या वेबसाइट के जरिए ही दर्ज की जाएगी। इसके लिए UPMSP-Attendance नामक मोबाइल ऐप तैयार किया गया है, जो Google Play Store पर उपलब्ध है।
2 .केवल स्कूल परिसर से लॉगिन: उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया केवल विद्यालय परिसर से ही संभव होगी, ताकि सही लोकेशन से ही डेटा अपलोड हो। प्रत्येक स्कूल को पहले से उपलब्ध लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करना होगा।
3 .पहले पीरियड में उपस्थिति अनिवार्य: प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रथम पीरियड में ही उपस्थिति दर्ज कराएं, जिससे समयबद्धता बनी रहे।
4 .छात्रों का वर्गीकरण और अवकाश विवरण: सभी छात्रों को उनके कक्षा अनुसार Section A/B/C आदि में वर्गीकृत करना अनिवार्य होगा। किसी भी छात्र या शिक्षक के अवकाश की स्थिति, कारण और प्रकार ऑनलाइन दर्ज करना अनिवार्य होगा।
विभाग ने सभी जिलों को जिम्मेदारी किया तय:
प्रत्येक जिले के संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) और जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि सभी स्कूल समय से उपस्थिति दर्ज करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनदेखी पर कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की गई है।
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