पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद बड़ा कदम
इस योजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शेखपुरा, मुंगेर, पटना और भागलपुर जिलों में की गई थी, जहां महिलाओं ने इन गर्भनिरोधकों के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया। सफलता को देखते हुए अब इसे 24 जिलों में विस्तारित किया जा रहा है।
क्या हैं ये गर्भनिरोधक विकल्प?
1. एमपीए सबक्यूटेनियस
यह एक प्री-लोडेड सूई होती है जो त्वचा में हल्के ढंग से दी जाती है। इसकी खासियत है कि यह कम चुभती है और लंबे समय तक असर करती है। महिलाओं को बार-बार दवा या उपाय बदलने की जरूरत नहीं पड़ती।
2. सबडर्मल इंप्लांट
यह माचिस की तिली के आकार की एक छोटी छड़ होती है, जिसे त्वचा के नीचे लगाया जाता है। यह छड़ धीरे-धीरे हार्मोन छोड़ती है, जिससे गर्भधारण की संभावना कई वर्षों तक रोकी जा सकती है।
महिलाओं को क्यों मिलेगा फायदा?
एम्स पटना की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. इंदिरा प्रसाद के अनुसार, आज की महिलाएं ऐसे गर्भनिरोधक विकल्प चाहती हैं जो बार-बार के इस्तेमाल से मुक्ति दिलाएं और सुरक्षित हों। इन दो विकल्पों के आने से न केवल महिलाएं मानसिक रूप से अधिक स्वतंत्र होंगी, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी लाभ होगा।
राज्य सरकार की तैयारी
सरकार ने सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। संबंधित जिलों को गर्भनिरोधक सामग्री भेजी जा रही है और स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि ये सेवाएं सुचारु रूप से लागू की जा सकें।
0 comments:
Post a Comment